आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आर्थिक मंदी पर कहा कि वैश्विक विकास की धीमा है, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई मंदी नहीं है. ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए आरबीआई के गवर्नर ने यह बात कही.
गुरुवार को मुंबई में ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वातावरण चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के साथ घिर गया है. वैश्विक विकास धीमा हो रहा है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति को आसान बनाकर इसका मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. लेकिन अभी तक कोई मंदी नहीं आई है.'
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फोरम में बोलते हुए दास ने कहा कि बाहरी जोखिम बढ़ने के बावजूद घरेलू अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, क्योंकि विदेशी कर्ज जीडीपी का महज 19.7 फीसदी है. हालांकि आयात-निर्यात में कमी चिंता का विषय है.
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ब्लूमबर्ग के एक कार्यक्रम में शक्तिकांत दास ने कहा, ‘वैश्विक जोखिम बढ़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है क्योंकि इसकी एक प्रमुख वजह कुल कर्ज में विदेशी ऋण का हिस्सा केवल 19.7 प्रतिशत है.'
आरबीआई गवर्नर ने नरमी से निपटने के लिए सरकार को बजट में निर्धारित खर्च को शुरू में ही करने का सुझाव दिया. दास ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये नरमी के चक्र से निपटने के उपायों को राजकोषीय गुंजाइश कम है. मुद्रास्फीति के बारे में उन्होंने कहा कि अगले एक साल में मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के नीचे बनी रहने की उम्मीद है.