इंडिया में बीते कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा है. जहां पहले हर कोई हाथ में नोटों की गड्डी लिए फिरता था, तो वहीं अब एक टच और चंद मिनटों में हजारों का भुगतान करना मुमकिन है. इससे न सिर्फ आमजन को आसानी होती है, बल्कि उनकी जेब से कैश का बोझ भी काफी हद तक कम हो गया है. हालांकि इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि, नकदी को लेकर लोगों का मोह कम हुआ है. देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस मुद्दे पर कुछ खास जानकारी दी है.
दरअसल RBI ने अपनी हालिया सालाना रिपोर्ट में बताया है कि, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश में बैंक नोट के प्रचलन में संख्या के हिसाब से 7.8 फीसदी और मूल्य के हिसाब से 3.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही बैंक ने ये भी बताया है कि, कौनसी नोट भारतीयों का दुलारा, यानि चहेता है...
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में चलन में मौजूद करेंसी नोटों में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी 500 रुपये के नोट की है, जोकि पिछले साल 77.1 फीसदी से बढ़कर 2024 तक 86.5 फीसदी हो गई है.
RBI की सालाना रिपोर्ट में इस 500 रुपये के नोट की बेतहाशा वद्धी की वजह भी बताई गई है, जिसके मुताबिक, क्योंकि 2000 रुपये के नोट की संख्या में कमी आई है, इसलिए 500 के नोट की हिस्सेदारी में वृद्धि दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 के दौरान 2,000 की नोट को प्रचलन से बाहर किए जाने पर इसकी संख्या में तेजी से गिरावट आई है. जबकि 500 रुपये के नोट की संख्या मूल्य के हिसाब से बड़ी है.
देश में 500 रुपये के 516000 नोट
RBI की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2024 तक 500 रुपये के मात्रा के हिसाब से सबसे ज्यादा 5.16 लाख नोट मौजूद थे. जबकि 10 रुपये के 2.49 लाख नोट चलन में थे.
Source : News Nation Bureau