केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के बीच उठे विवाद के बाद आज (सोमवार) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बोर्ड की मीटिंग मुंबई में जारी है. देश की आर्थिक राजधानी में जारी इस बैठक में केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है. बैठक में कुल 19 प्रस्तावों पर चर्चा हो रहा है. आरबीआई ने नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) की मदद के लिए अलग विंडो देने से इंकार कर दिया है.
इसके अलावा वह सरकार को सालाना डिविडेंड बढ़ाने पर राजी हो गई है. साथ ही वह बैंकों को ज्यादा नकदी मुहैया कराने के लिए भी तैयार है.
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गौरतलब है कि सरकार लगातार केंद्रीय बैंक के बोर्ड में अपने नामित सदस्यों के जरिये आरबीआई पर अपनी मांगों पर प्रस्ताव जारी करने का दबाव बना रही है. हालांकि आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के रुख को देखकर ऐसा लगता नहीं है.
ऐसे में सरकार आरबीआई ऐक्ट के सेक्शन 7 का इस्तेमाल करते हुए आरबीआई को अपनी बात मनवाने के लिए मजबूर कर सकती है. ऐसी स्थिति में पटेल के पास दो ही विकल्प होंगे, या तो वह सरकार की मांगों पर सहमति जता दें या फिर इस्तीफा दे दें.
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आपको बता दें कि केंद्र और आरबीआई बोर्ड के बीच हो रही इस मीटिंग में मुख्य ब्याज दर, लाभांश का भुगतान, लोन रीस्ट्रक्चरिंग मुद्दा, सरकारी बैंकों का रेग्युलेशन, प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन, पेंमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स ऐक्ट 2007 में संशोधन, आरबीआई बोर्ड में नियुक्तियां, तेल कंपनियों के लिए विशेष डॉलर विंडो, एनबीएफसी में नकदी किल्लत और कैश रिजर्व के मुद्दे पर चर्चा हो रही है.
Source : News Nation Bureau