नेशनल सिक्योरिटी गार्ड ने मंडी में मिले बम के संबंध में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें मंडी पर मिले आइईडी में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के साथ टाइमर डिवाइस एवं बैट्री के इस्तेमाल की जानकारी दी गई है, इससे साफ हो गया है कि आतंकियों की भारी तबाही की साजिश थी. अगर यह बम ब्लास्ट हो जाता तो करीब 100 मीटर के दायरे में लोग हताहत होते. एनएससी का मानना है कि तकनीकी खामी के कारण बम ब्लास्ट नहीं हुआ और समय रहते पुलिस और एनएसजी को सूचना मिल गई.
सेल के सूत्रों का कहना है कि इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाने की जिम्मेदारी कश्मीर में सक्रिय अल कायदा से जुड़े आतंकवादी ग्रुप मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (एमजीएच) ने ली है. यह खुलासा जांच से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने किया है. हालांकि, फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पाकिस्तान से लाया गया था RDX
जांच एजेंसी मान रही है कि खुफिया इनपुट मिले थे कि कुछ समय पूर्व पाकिस्तान से ड्रोन व सड़क मार्ग के जरिये 24 बम भारत भेजे गए जिनमें कुछ बम पंजाब व जम्मू कश्मीर में बरामद भी हुए थे, गाजीपुर मंडी में मिला बम उसी खेप से हो सकता है. स्पेशल सेल के सूत्रों का कहना है कि बम के साथ एबीसीडी स्विच भी मिला यह स्विच पाकिस्तान में ही बम के ट्रिगर के तौर पर बनाए जाते रहे हैं.
मुजाहिद गजवत अल हिंद ने ली बम रखने की जिम्मेदारी : सूत्र
मैसेजिंग एप टेलीग्राम पर आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े समूह मुजाहिद गजवत अल हिंद ने बम रखने की जिम्मेदारी ली है. हालांकि किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं की है. हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह ने टेलीग्राम के जरिए भेजे गए एक संदेश में ली, जिसमें ये भी कहा की तकनीकी गड़बड़ियों के कारण आईईडी विस्फोट नहीं हो सका.
आतंकियों के इस मैसेज को खुफिया एजेंसियों द्वारा सोशल मीडिया की निगरानी में ट्रेस किया गया. इसके बाद दिल्ली एनसीआर समेत कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर जैसे राज्यों को खासतौर पर चुनाव की वजह से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. जांच एजेंसियां संदेश के सोर्स पता लगाने कोशिश कर रही हैं.
Source : Avneesh Chaudhary