अनुच्छेद 370 पर ऐतिहासिक फैसले के बाद जानिए सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं

केंद्र को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ कथित रूप से हई चर्चा में मध्यस्थता प्रस्ताव का हिस्सा था.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
मॉब लिंचिंग पर गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी बोले- विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कारणों से हो रहीं ऐसी घटनाएं

संसद भवन (फाइल)

Advertisment

मुम्बई से मिली खबर के अनुसार राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इसको लेकर निराशा जतायी कि केंद्र ने जम्मू कश्मीर के लोगों और नेताओं को विश्वास में लिये बिना अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया है. पवार ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती, उमर और फारूक अब्दुल्ला का नाम ले सकता हूं जिन्होंने हमेशा भारत के साथ रहने का रुख अपनाया है. उन्हें विश्वास में लेना चाहिए था और इससे यह एक समझदारी भरा फैसला दिखता.' पूर्व रक्षामंत्री ने कहा, 'हमें यह देखना होगा कि क्या यह अंतिम समाधान है या घाटी में बड़े पैमाने पर नाराजगी की शुरुआत है.' 

वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने सवाल किया कि क्या इस कदम का अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए मध्यस्थता प्रस्ताव के साथ कुछ संबंध है ? और यह भी दावा किया कि इस अनुच्छेद को समाप्त करने का पाकिस्तान के साथ भारत के सीमा विवाद पर असर पड़ सकता है. आंबेडकर ने कहा, 'अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के संकल्प को पेश करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 (1) रहेगा लेकिन खंड 2 और 3 जाएगा.' उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 (1) की शर्त में कहा गया है कि भारत सरकार अनुच्छेद 370 के खिलाफ नहीं जाएगी. इसलिए भले ही खंड 2 और 3 को हटा दिया जाए, अनुच्छेद 370 (1)खंड बना रहेगा, (जिसका मतलब है) आपको (केंद्र) स्थानीय विधानसभा, सरकार से बातचीत करनी होगी.' 

उन्होंने कहा, 'केंद्र को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ कथित रूप से हई चर्चा में मध्यस्थता प्रस्ताव का हिस्सा था. क्या ट्रंप ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का सुझाव दिया था ताकि भारत सरकार अंततः लोगों को समझा सके कि उसने पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) पर अपना दावा हमेशा के लिए छोड़ दिया है.' उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त करने का निर्णय ऐतिहासिक है और इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिलेगी. रावत ने देहरादून में संवाददाताओं से कहा, 'उत्तराखंड के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह अमित शाह को अनुच्छेद 370 पर निर्णय के लिए बधाई देते हैं.' 

पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रह चुके जी पार्थसारथी और पूर्व वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने अनुच्छेद 370 समाप्त करने के केंद्र के निर्णय का स्वागत किया और इसे समय से लिया गया एक उचित निर्णय बताया. पार्थसारथी ने फोन पर कहा, 'यह समय से लिया गया और उचित निर्णय है.'  विपक्ष के इस आरोप पर कि केंद्र के निर्णय के विनाशकारी परिणाम होंगे, पूर्व राजनयिक ने कहा कि कई ऐसे केंद्र शासित प्रदेश हैं जो अच्छा काम कर रहे हैं. राहा ने भी कदम का स्वागत किया और कहा कि इससे लंबे समय से जारी यथास्थिति बदल गई है.  उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि देश के प्रत्येक राज्य को समान अधिकार होने चाहिए. किसी को भी विशेष अधिकार नहीं होने चाहिए. और मैं नहीं मानता कि अनुच्छेद 370 समाप्त करने पर इतना हो हल्ला मचना चाहिए.' 

यह भी पढ़ें-  महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया, गेस्‍ट हाउस ले जाया गया

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने एक बयान में कहा कि कश्मीर को लेकर भारत सरकार के एकतरफा फैसले से वर्तमान में जारी तनाव और बढ़ सकता है और लोगों में अलगाव की भावना और बढ़ सकती है.  साहित्यकार तस्लीमा नसरीन ने पीटीआई से कहा, 'मैं इस मामले में टिप्पणी नहीं करना चाहूंगी. देश के नागरिकों को अपनी प्रतिक्रिया देने दीजिये.'

यह भी पढ़ें-  बीजेपी के एक सहयोगी पार्टी ने अनुच्छेद 370 खत्म करने का किया विरोध

जाने-माने इतिहासकार और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते सुगत बोस ने कहा, 'इससे जम्मू कश्मीर के लोगों में भारतीय संघ के प्रति अपनेपन की भावना उत्पन्न होने की बजाय अलगाव की भावना और बढ़ेगी.' पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई ने ऐतिहासिक निर्णय का जश्न मनाया और देश का सही मायने में एकीकरण करने के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की. भाजपा प्रदेश महासचिव राजू मुखर्जी ने कहा, 'भारत केसरी श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान का आज सही मायने में सम्मान हुआ है.' कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता होगी यदि संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त होने से जम्मू कश्मीर में शांति आएगी. उन्होंने बेंगलुरू के पास रामनगर में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इस तथ्य पर ध्यान दिया है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का समर्थन कर रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • सरकार ने आर्टिकल 370 पर लिया बड़ा फैसला
  • फैसले के बाद राजनीतिक दलों ने दी प्रतिक्रियाएं
  • मोदी सरकार के धुर विरोधियों ने भी दिया साथ

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Article 370 Modi Governments Historical Decision Political Reaction
Advertisment
Advertisment
Advertisment