सरकार की पुनर्वास नीतियों के तहत साल 2016 में रिकॉर्ड 1,422 नक्सलियों ने समर्पण किया। यह संख्या 2015 की तुलना में दोगुनी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को ये जानकारी दी है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि राज्य सरकारों के पास नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए समर्पण और पुनर्वास की अपनी प्रोत्साहन राशि है, और केंद्र सरकार उन दावों का भुगतान करती है।
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अहीर ने कहा, "नक्सली कार्यकर्ताओं के समर्पण पर सुरक्षा संबंधित खर्च योजना के तहत धनराशि खर्च की गई। बड़े नक्सलियों पर सरकार 2.5 लाख रुपये और मध्यम दर्जे और छोटे नक्सलियों पर 1.5 लाख रुपये खर्च करती है।"
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उन्होंने कहा, "और जो लोग हथियारों और कारतूसों के साथ समर्पण करते हैं, उन्हें 10,000 रुपये और 35,000 रुपये के बीच अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रोत्साहन राशि हथियारों की किस्म पर निर्भर करती है।"
मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त समर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को प्रति माह 4,000 रुपये मानधन के रूप में दिया जाता है। "यह मानधन व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए अधिकतम 36 माह तक प्रदान किया जाता है।"
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Source : IANS