केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुरोध पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले भगोड़े आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया है।
एक सीबीआई अधिकारी ने बताया, 'इंटरपोल ने नीरव मोदी, उनके भाई निशाल मोदी और उनकी कंपनी के एक कार्यकारी सुभाष परब के खिलाफ आरसीएन जारी करने के हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।'
अधिकारी ने यह भी कहा कि इंटरपोल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्तर पर भगोड़े हीरा व्यापारी को धनशोधन के मामले में आरोपी बनाया है।
एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, तीनों के खिलाफ आरसीएन जारी किए जाने के साथ अब उन्हें इंटरपोल के 192 सदस्य देशों में से किसी के द्वारा भी गिरफ्तार किया जा सकता है, जिसके बाद प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
वित्तीय जांच एजेंसी और सीबीआई ने जून में हीरा व्यापारी के खिलाफ आरसीएन जारी करने के लिए इंटरपोल से अनुरोध किया था।
सीबीआई ने 11 जून को पहली बार आरसीएन जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया। इसने फिर 13 जून को बेल्जियम के नागरिक निशाल मोदी और परब के खिलाफ आरसीएन जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया।
सीबीआई ने 14 मई को मुंबई की एक विशेष अदालत में 18 अन्य लोगों के अलावा नीरव मोदी, निशाल और पराब को खिलाफ पहला आरोपपत्र दायर करने के बाद इंटरपोल को अनुरोध भेजा था।
Red Corner Notice issued against Nirav Modi by Interpol in connection with #PNBScamCase pic.twitter.com/pOeE09SCUy
— ANI (@ANI) July 2, 2018
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क्या है मामला
ईडी के आरोपपत्र के मुताबिक 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत 23 के खिलाफ मामला चल रहा है। यह घोटाला साल 2011 से 2017 के बीच किया गया है, जिसमें अवैध रूप से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिग (एलओयूज) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसीज) जारी कराए गए थे।
नीरव मोदी की तीन कंपनियों - सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टीलर डायमंड और डायमंड आर यूएस ने धोखाधड़ी से पीएनबी के मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा से 6,498 करोड़ रुपये के एलओयूज हासिल किए थे। आरोपपत्र में इन कंपनियों के भी नाम हैं।
आरोपपत्र में कहा गया है कि इन कंपनियों ने घोटाले से रकम निकालकर उसका इस्तेमाल कई विदेशी कंपनियों को भुगतान करने तथा पहले के निकाले गए एलओयू का भुगतान करने के लिए किया।
हीरा व्यापारी पीएनबी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के एक महीने पहले ही अपने परिवार के साथ देश छोड़कर फरार हो गया। पीएनबी ने उसके खिलाफ 29 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोपपत्र में कहा गया कि जांच से खुलासा हुआ कि आरोपियों ने हांगकांग, दुबई और अमेरिका में 2011 से आयात और निर्यात के नाम पर डमी कंपनियों का गठन किया था और उसके माध्यम से पैसों का गबन करते रहे।
यह भी कहा गया है कि इन कंपनियों के निदेशक और शेयरधारक भी डमी ही थे, जिसे नीरव की फायरस्टार ग्रुप ऑफ कंपनीज ने तैनात किया था। वे नीरव और उसके भरोसेमंद अधिकारियों श्यामसुंदर वाधवा, आदित्य नानावटी, मिहिर भंसाली और संजू पाउलुस के निर्देश पर काम करते थे।
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Source : News Nation Bureau