नामित सीजेआई न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित द्वारा अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान जिन सुधारों की शुरूआत की गई है, उनमें निरंतरता बनी रहेगी. मुख्य न्यायाधीश ललित मंगलवार को पद छोड़ देंगे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, मुख्य न्यायाधीश के रूप में आपके कार्यकाल में बड़ी संख्या में न्यायिक सुधार हुए और मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि इस अदालत में आपने जो सुधार किए हैं उनमें निरंतरता की भावना बनी रहेगी. मैं मुख्य न्यायाधीश को लंबे समय से जानता हूं, हालांकि मैंने केवल एक ही मामले पर उनका विरोध किया था. मैं उससे पहले भी उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं.
उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ललित के संयम और उनके संतुलन, न केवल कानून बल्कि भारतीय सामाजिक जीवन की उनकी बारीक समझ से हमेशा प्रभावित होता था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, मेरा मानना है कि इससे अदालत की स्थिरता में इजाफा हुआ, क्योंकि उनकी उपस्थिति स्थिरता का एक बड़ा स्रोत रही है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 9 नवंबर को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे.
मुख्य न्यायाधीश ललित ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के 37 साल शीर्ष अदालत में बिताए हैं और भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ के समक्ष अपने पहले मामले का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा, मेरी यात्रा इस कोर्ट से शुरू हुई और इस कोर्ट में समाप्त हुई. उन्होंने कहा कि उन्होंने दो संविधान पीठों को एक साथ काम करते देखा था, लेकिन यहां मैंने ऐसी तीन पीठों को काम करते देखा.
वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश को यात्रा करना पसंद है और उन्हें क्रिकेट भी पसंद है. उन्हें उम्मीद है कि भारत सेमीफाइनल जीतकर टी 20 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहुंचेगा, और मुख्य न्यायाधीश ललित ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ललित के वकील के रूप में और न्यायाधीश के रूप में समान रूप से सफल कार्यकाल को लंबे समय तक याद किया जाएगा.
Source : IANS