आसनसोल (Asansol) की सीबीआई (CBI) अदालत में एक विशेष न्यायाधीश (special judge) ने आरोप लगाया कि पशु तस्करी के एक मामले में सीबीआई की हिरासत में बंद टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल (TMC leader Anubrata Mondal) की रिहाई सुनिश्चित करने में विफल रहने पर उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ झूठे एनडीपीएस (NDPS) मामले की धमकी दी गई है. न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ( Rajesh Chakraborty) ने आरोप लगाया कि उन्हें एक बप्पा चटर्जी ( Bappa Chatterjee ) के एक पत्र के माध्यम से धमकी मिली है, जिसमें कहा गया है कि अगर अनुब्रत मंडल को जमानत पर रिहा नहीं किया गया, तो उनके परिवार को NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) मामले में गंभीर आरोपों में फंसाया जाएगा.
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न्यायाधीश ने अपनी शिकायत में चटर्जी से प्राप्त पत्र को भी संलग्न किया और पश्चिम बर्धमान में जिला न्यायाधीश से विकास पर ध्यान देने का अनुरोध किया. उन्होंने अनुरोध किया कि इस मामले को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष उठाया जाए. चटर्जी के हस्ताक्षर वाले धमकी भरे पत्र में लिखा है, "नहीं तो आपके परिवार के सदस्यों पर एनडीपीएस का मामला होगा. यह आपकी जानकारी के लिए है."
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटनाक्रम पर तुरंत संज्ञान लिया और जज के शिकायत पत्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्विटर पर साझा किया. आसनसोल में सीबीआई न्यायाधीश को धमकी भरा पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने अपराधी अनुब्रतो मंडल को जमानत देने के लिए कहा है. ऐसा नहीं करने पर उनके पूरे परिवार को एनडीपीएस मामले में फंसाया जाएगा. जज ने जिला जज और हाईकोर्ट को पत्र लिखा है. ममता बनर्जी गिरफ्तारी के बाद भी मंडल का बचाव करती रही हैं.