रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी ने अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की मदद से दूरसंचार उपकरण बनाने वाली एरिक्सन कंपनी का 550 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को 4 हफ्ते के भीतर आरकॉम को यह कर्ज चुकाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरकॉम प्रमुख अंबानी और इसके दो निदेशकों को अवमानना का दोषी पाया था और कहा था 4 हफ्ते में कर्ज नहीं चुका पाने पर 3 महीने जेल की सजा काटनी होगी. कोर्ट के आदेश पर आरकॉम ने कहा था कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, कंपनी आदेश का पालन करेगी.
अनिल अंबानी ने धन्यवाद देते हुए कहा, 'मैं अपने बड़े भाई मुकेश, और नीता को धन्यवाद देता हूं जो इस घड़ी में मेरे साथ खड़े हुए. मुसीबत के समय में उनकी यह समयबद्ध सहायता हमारे परिवार के ऊंचे मूल्यों को दिखाता है. मैं और मेरा परिवार इसके लिए आभारी है कि हम पिछली चीजों से आगे निकल आए.'
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रोंहिग्टन फली नरीमन और जस्टिस विनीत सरण ने अदालत की रजिस्ट्री को एरिक्सन को 118 करोड़ रुपये देने को कहा, जो पहले आरकॉम द्वारा जमा किए गए थे.
अदालत ने कहा था कि एरिक्सन को आरकॉम द्वारा दी जाने वाली पूरी राशि 550 करोड़ रुपये हैं, जिसमें ब्याज भी शामिल है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक ये रकम पिछले साल 30 सितंबर तक चुका देनी थी. लिहाजा एरिक्सन ने अवमानना याचिका दायर की थी.
अदालत ने आरकॉम, रिलायंस टेलीकम्युनिकेशन व रिलायंस इंफ्राटेल, प्रत्येक पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (एससीएलएससी) के पास जमा किया जाना है.
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कोर्ट ने कहा था कि सभी तीनों कंपनियों के चेयरमैन के ऐसा करने में चूक होने पर तीनों के चेयरमैन को एक-एक महीने की जेल की सजा काटनी होगी. आरकॉम के चेयमैन अनिल अंबानी अदालत में आदेश सुनाए जाने के दौरान मौजूद थे.
एरिक्सन कंपनी की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि अनिल अंबानी के पास हजारों करोड़ की निजी सम्पति है, वो एक राजा की तरह बड़े महल में रहते है, प्राइवेट जेट में उड़ान भरते हैं. फिर भी ऐसा शख्स 550 करोड़ नहीं चुका सकता.
Source : News Nation Bureau