कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, धीरे-धीरे वह उपद्रव और तोड़फोड़ का भी रूप लेने लगा है. पंजाब में आंदोलनकारियों ने बड़े पैमाने पर रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाया है. अब खबर सामने आई है कि जिन टावरों को जियो का समझ प्रदर्शनकारी तोड़ रहे हैं, उन्हें जियो इसी साल पूरी तरह से कनाडा की एक कंपनी को बेच चुकी है.
यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन में शामिल हुए पाक परस्त संदिग्ध, इंटेलिजेंस सतर्क
पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शनकारियों ने 1500 से अधिक टॉवरों को नुकसान पहुंचाया है. इनमें अधिकांश रियालंय जियो के हैं. कई जगहों पर इस कारण संचार सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने राज्य सरकार से इन टावर को सुरक्षा मुहैया करने की मांग की है.
हमले के पीछे क्या है कारण
दरअसल किसानों के बीच इस खबर को फैलाया जा रहा है कि नए कृषि कानून का सबसे अधिक फायदा बड़े उद्योगपति खासकर मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को होगा. इसी कारण किसान रिलायंस जियो की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः ब्रिटेन से लौटे 20 भारतीयों में अब तक कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि, सरकार अलर्ट
किसने खरीदा है जियो का टावर कारोबार
कनाडा की कंपनी ब्रूकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी ने रिलायंस जियो के टावर कारोबार की 100 फीसदी हिस्सेदारी करीब 25,215 करोड़ रुपये में खरीद ली है. जियो के पास देशभर में करीब 1,35,000 टावर थे, जो जियो इन्फ्राटेल नामक कंपनी के द्वारा संचालित किये जा रहे थे.
Source : News Nation Bureau