आदर्श सोसाइटी घोटाला मामले में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण को बड़ी राहत मिल गई है।
शुक्रवार को बंबई हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग अस्वीकार कर दी।
इससे पहले अप्रैल 2016 में गवर्नर विद्यासागर राव ने अशोक चव्हाण के ख़िलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक मामले में मुकदमा चलाने की मंज़ूरी दी थी।
अप्रैल 2017 में बंबई हाई कोर्ट ने यह पूछा था कि परिस्थितियों में ऐसे कौन सा बदलाव आया जिसकी वजह से महाराष्ट के राज्यपाल ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामले में शुरुआती इनकार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दी।
सीबीआई को पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के फैसले के खिलाफ अशोक चव्हाण की याचिका पर सुनवाई करते हुये न्यायमूर्ति आर वी मोरे की पीठ ने यह स्पष्टीकरण मांगा।
चव्हाण अभी कांग्रेस के सांसद है। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और 420 के तहत क्रमश: आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी करने के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।
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चव्हाण की तरफ से पेश हुये उनके वकील अमित देसाई ने पीठ को बताया कि राज्यपाल ने पहले इजाजत देने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में सीबीआई ने जब दोबारा नयी सामग्री के साथ उनके खिलाफ राज्यपाल से गुहार लगाई तो उन्होंने इजाजत दे दी।
ये ख़बर कांग्रेस के लिए एक बार फिर से राहत लेकर आई है। इससे पहले गुरुवार को कथित 2G घोटाला मामले में ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
ज़ाहिर है सत्तारुढ़ पार्टी बीजेपी ने लोकसभा और सभी विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ जमकर निशाना साधा था।
माना जाता है कि कांग्रेस पार्टी की हार में भ्रष्टाचार का मुद्दा सबसे अहम था। ऐसे में कांग्रेस के लिए मिल रही एक के बाद एक राहत ने फ्रंटपूट पर आने का मौका दे दिया है।
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Source : News Nation Bureau