अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज के पहुंचने वाले आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को बड़ी राहत दी गई है. एम्स प्रशासन ने 300 रुपये तक की सभी जांचें फ्री कर दी हैं. एम्स प्रशासन ने गुरुवार को आदेश जारी कर इसे तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है. इसका लाभ यह होगा कि कई तरह की ब्लड जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड आदि जांचें अब निशुल्क हो गई हैं. मगर एम्स ने प्राइवेट वार्ड का शुल्क डेढ़ से दोगुना बढ़ा दिया है. प्राइवेट वार्ड में बी श्रेणी के कमरे का शुल्क अब 2 हजार रुपये से बढ़ाकर 3 हजार रुपये कर दिया है, जो वर्तमान शुल्क से डेढ़ गुना ज्यादा है. डीलक्स श्रेणी के कमरे का शुल्क 3 हजार रुपये से बढ़ा 6 हजार रुपये कर दिया है. यह वर्तमान शुल्क से दोगुना है. प्राइवेट वार्ड के लिए तय शुल्क एक जून से लागू होगा. इससे एम्स में अब प्राइवेट वार्ड में इलाज करना महंगा पड़ेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय की कमेटी ने की सिफारिश
बीते करीब 5 वर्षों से प्राइवेट वार्ड का शुल्क बढ़ाने और ओपीडी में इलाज के के लिए पहुंचने वाले मरीजों की सुविधा के लिए 500 रुपये तक की जांच फ्री करने की मांग लंबित थी. एम्स के निदेशक डाॅ.रणदीप गुलेरिया ने वर्ष 2017 में इसके लिए कमेटी का गठन किया था. बीते साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एम्स में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार को लेकर गठित कमेटी ने भी प्राइवेट वार्ड का शुल्क बढ़ाने और 500 रुपये तक की जांच शुल्क मुफ्त करने की सिफारिश की थी. इसके पीछे तर्क था कि 500 रुपये शुल्क तक की जांच फ्री होने से गरीब मरीजों राहत मिलेगी.
Source : News Nation Bureau