Madhumita Shukla Murder Case: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि और मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई के मामले के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को बड़ी राहत दी है. वहीं रिहाई पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है. अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. इससे यह माना जा रहा है कि आज अमरमणिऔर मधुमणि त्रिपाठी की समय पर रिहाई हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस बेला एम एम त्रिवेदी की बेंच ने मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर सुनवाई की और ये आदेश दिए. निधि शुक्ला की ओर से वकील कामिनी जायसवाल पेश हुईं थीं.
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दरअसल, मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी पाए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमिता त्रिपाठी को शासन ने रिहा करने का आदेश दिया है. राज्यपाल की अनुमति के बाद कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने इसका आदेश दिया. इस दौरान मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने अमरमणि की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की.
धनराशि का एक मुचलका प्रस्तुत करने के बाद जेल से रिहा
आदेश के अनुसार, दो जमानतें तथा उतनी ही धनराशि का एक मुचलका प्रस्तुत करने के बाद जेल से रिहा कर दिया जाए. आपको बता दें कि करीब 20 वर्ष पहले राजधानी की पेपरमिल कॉलोनी में रहने वाली कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या मामले की इंवेस्टिगेशन सीबीआई ने की थी. जांच में सीबीआई ने अमरमणि और मधुमणि को दोषी बताया था. अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए थे.
बाद में मामले का मुकदमा देहरादून स्थानांतरित किया गया. दोनों करागार में 20 वर्ष एक माह और 19 दिन से थे. उनके अच्छे आचरण, आयु को देखते हुए बाकी की बची हुई सजा को माफ कर दिया गया.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया
- बहन निधि शुक्ला की याचिका पर सुनवाई की
- निधि शुक्ला की ओर से वकील कामिनी जायसवाल पेश हुईं थीं