गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर राज्य भर में लगाई गई धारा-144 से धार्मिक समारोहों को छूट दी जाएगी. गोवा सरकार ने गुरुवार को निषेधाज्ञा आदेश लागू किया था. दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद एहतियात के तौर पर धारा-144 को लागू किया गया है. इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पाबंदी रहेगी.
जब पत्रकारों ने उनसे आगामी कैथोलिक प्रार्थना (नोवेना) और 'तुलसी विवाह' उत्सव के बारे में प्रश्न किया तो सावंत ने कहा, "धार्मिक आयोजनों को छूट दी जाएगी." राज्य प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, तटीय राज्य में एक महीने के लिए धारा-144 लागू रहेगी. इसके परिणामस्वरूप विपक्ष द्वारा मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित कई सामूहिक विरोध प्रदर्शनों व अन्य कार्यक्रमों को रोक दिया गया है.
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सीजेआई रंजन गोगोई ने तलब किया तो UP के मुख्य सचिव-डीजीपी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
अगले हफ्ते अयोध्या विवाद (Ayodhya Dispute) में फैसला आने से पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्य सचिव (Chief Secretary), पुलिस महानिदेशक (DGP) और अन्य वरिष्ठ अफसरों को तलब किया है. दोनों अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंच भी गए हैं. बताया जा रहा है कि सीजेआई रंजन गोगोई उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों से राज्य में की जा रही सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेंगे. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और चीफ सेक्रेट्री राजेंद्र तिवारी दोनों आज शुक्रवार को ही दिन में सीजेआई रंजन गोगोई से उनके चैंबर में मिलेंगे.
इससे पहले गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (Union Terrotories) को अयोध्या मामले में फैसले के मद्देनजर एक सामान्य सलाह दी गई है. अधिकारी ने बताया कि राज्यों को सभी संवेदनशील स्थानों (Sensitive Areas) पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने को कहा गया है. यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो.