Advertisment

अनुच्छेद 370 को हटाना राजनीतिक नहीं, राष्ट्रीय मसला : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रणाली की समीक्षा करने का वक्त है.

author-image
Ravindra Singh
New Update
अनुच्छेद 370 को हटाना राजनीतिक नहीं, राष्ट्रीय मसला : उपराष्ट्रपति

वेंकैया नायडू (फाइल)

Advertisment

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने यहां रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करना राष्ट्रहित में है और इसे राजनीतिक मसले की तरह नहीं, बल्कि राष्ट्रीय मसले के रूप में देखा जाना चाहिए. उपराष्ट्रपति दो साल का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर प्रकाशित एक किताब के विमोचन समारोह में बोल रहे थे. 'लिस्निंग, लर्निग एंड लीडिंग' नामक इस किताब में उपराष्ट्रपति के दो साल के कार्यकाल का ब्योरा है. नायडू ने न्यायापालिका के मसले पर स्थायी समिति की सिफारिश का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पीठें विभिन्न नगरों में होनी चाहिए. 

उन्होंने कहा, "यह वक्त की जरूरत है कि कम से कम चार महानगरों में सुप्रीम कोर्ट की पीठें हों. इसका आरंभ करते हुए चेन्नई में एक (सुप्रीम कोर्ट की पीठ) चेन्नई में स्थापित की जा सकती है."  उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रणाली की समीक्षा करने का वक्त है. उन्होंने पारदर्शी और विश्वसनीय प्रणाली के निर्माण पर बल दिया और कहा कि न्यायिक प्रक्रिया लोक-हितैषी होनी चाहिए और कुछ मामलों, मसलन चुनाव संबंधी याचिकाएं और दल-बदल कानून से संबंधित याचिकाओं पर फैसला शीघ्र होना चाहिए. उन्होंने लोकसभा चुनाव को चुनौती देते हुए 2009 में दायर की गई एक याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि उसके बाद दो बार लोकसभा चुनाव हो चुका है, लेकिन वह मामला अब तक लंबित है.

यह भी पढ़ें-  पंडित जवाहरलाल नेहरू की गलती को पीएम नरेंद्र मोदी ने सुधारा: शिवराज सिंह चौहान

उन्होंने उच्च न्यायालयों में क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल किए जाने का समर्थन किया. उपराष्ट्रपति ने दल-बदल कानून की समीक्षा की आवश्यकता बताई और कहा कि विधायिका और कार्यपालिका को मजबूत बनाने का यह वक्त है. उन्होंने कहा कि विधायिका प्रगतिशील होनी चाहिए और इसमें सुधार की काफी संभावनाएं हैं. नायडू ने कहा कि इस पर विचार-विमर्श और बहस होनी चाहिए और बिना किसी बाधा के इस पर फैसला लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधायिका में दाखिल होने के लिए किसी व्यक्ति के लिए उसकी विश्वसनीयता, क्षमता और दक्षता निर्णायक कारक हो न कि जाति, नकदी और आपराधिक प्रवृत्ति. 

यह भी पढ़ें- महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आईं बेटी इल्तिजा, जानें क्या काम करती हैं वह

अपना निजी विचार साझा करते हुए नायडू ने कहा कि वह राजनीति से छुट्टी लेने के बारे में सोच रहे हैं और 2019 के बाद सामाजिक सेवा में लगना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में बताया है. मैंने अपनी पत्नी को भी दिल्ली छोड़कर वापस गांव जाने को तैयार रहने के लिए कहा है." नायडू ने कहा, "उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के चयन के लिए विचार-विमर्श के दौरान मैंने सुझाव दिया था कि उम्मीदवार दक्षिण से, किसान परिवार से व योग्य व्यक्ति होना चाहिए." नायडू ने कहा कि उन्होंने जब सुना कि उनका नाम प्रस्तावित किया जा रहा है तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. 

HIGHLIGHTS

  • अनुच्छेद 370 पर बोले उपराष्ट्रपति 
  • 'लिस्निंग, लर्निग एंड लीडिंग' में बोले नायडू
  • 370 हटाना राष्ट्रीय मामला- नायडू

Source : आईएएनएस

Jammu and Kashmir Article 370 Vice President Venkaiah Naidu
Advertisment
Advertisment
Advertisment