Advertisment

सनातन संस्था ने संविधान से 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को हटाने की रखी मांग, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से किया इनकार

संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्द संविधान में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शामिल करवाए थे।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
सनातन संस्था ने संविधान से 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को हटाने की रखी मांग, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से किया इनकार

सनातन संस्था ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप से किया इनकार (आईएएनएस)

कई जांच एजेंसियों के रडार पर चढ़ी दक्षिणपंथी सनातन संस्था ने सोमवार को भारतीय संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने की मांग की। संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्द संविधान में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शामिल करवाए थे। अगर शब्दों को जोड़ने का प्रावधान है तो इन्हीं प्रावधानों से इन्हें हटाया भी जा सकता है।

Advertisment

सवालों की बौछार के बीच राजहंस ने कहा कि यह मुद्दा 'कोई नया नहीं है' और संस्था संवैधानिक तरीकों से लंबे समय से यह मांग उठाती रही है। सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति इस वक्त कई जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं लेकिन राजहंस ने कहा कि 'दोनों में से कोई भी आतंकवादी गतिविधि में शामिल नहीं हैं और दोनों विशुद्ध धार्मिक संगठन हैं।'

राजहंस ने कहा, "हमें पूर्वनियोजित तरीके से बदनाम किया जा रहा है। हम हिंसा का किसी भी रूप में समर्थन नहीं करते, न इसे जायज ठहराते। बीते 27 सालों से हमारा मिशन धर्म और आध्यात्मिकता का प्रचार रहा है।"

उन्होंने महाराष्ट्र के तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर व कम्युनिस्ट नेता गोविंद पन्सारे और कर्नाटक के लेखक एमएम कलबुर्गी व पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में सनातन संस्था के शामिल होने के आरोप को खारिज कर दिया।

और पढ़ें- भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियां मुख्य रूप से बाहरी: जेटली

उन्होंने कहा, "हमारी सूचना के मुताबिक, महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौ लोग पकड़े हैं और इनमें कोई भी सनातन संस्था का साधक नहीं है। सच तो यह है कि इनमें से पांच का तो नाम हमने पहली बार सुना है। इसलिए किसी को हमें इनसे नहीं जोड़ना चाहिए।"

राजहंस ने साथ ही कहा कि एटीएस-सीबीआई ने ना तो आरोपपत्र में और न ही रिमांड आवेदन में, कहीं भी सनातन संस्था का नाम नहीं लिया है। उन्होंने कहा, "यह केवल कांग्रेस जैसी पार्टियां और कम्युनिस्ट, कुछ बुद्धिजीवी व विचारक और प्रगतिशील संगठन हैं जो छोटे संगठनों को निशाना बना रहे हैं।"

और पढ़ें- शरद पवार ने 2019 लोक सभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों को दिया मंत्र

उन्होंने कहा, "महज इसलिए कि आरोपी पकड़े गए हैं, हम पर प्रतिबंध लगाने या हमारे नेता को गिरफ्तार करने की मांग करना हास्यास्पद है।"

Source : IANS

Secular Terror activities sanatan sanstha rationalists
Advertisment
Advertisment