सरकार हर साल पं. जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय बाल दिवस पर मेधावी बच्चे को नेशनल अवाॅर्ड फॉर चिल्ड्रेन देती रही है, लेकिन इस बार इन पुरस्कारों का नाम बदलकर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार कर दिया गया है. 61 साल से आईसीसीडब्ल्यू द्वारा चुने गए बहादुर बच्चे ही परेड में शामिल होते थे लेकिन, इस बार इनकी जगह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चुने गए बच्चे पुरष्कृत होंगे. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इस वजह से बाल वीरता पुरस्कार के लिए देशभर से चुने गए 21 बच्चे इस बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं हो सकेंगे. ऐसा 1957 के बाद पहली बार हो रहा है. इन बच्चों को चुनने वाली इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्ल्यू) पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप हैं.
सभी बहादुर बच्चों को नकद राशि, प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है. सभी की पूरी शिक्षा का खर्च भी परिषद वहन करता है. नकद राशि के तहत भारत अवार्ड में 50 हजार रुपये, गीता और संजय चोपड़ा अवार्ड में 40-40 हजार रुपये, बापू गयाधनी अवार्ड में 25 हजार रुपये, जबकि अन्य पुरस्कारों में 20 -20 हजार रुपये दिए जाते हैं.
इस साल चुने गए बच्चे
आईना दीक्षित (उत्तर प्रदेश) मोहम्मद सुहैल, अरुणिमा सेन, एयू नचिकेता कुमार (कर्नाटक), अश्वथ सूर्यनारायण(तमिलनाडु), नैसर्गिग लैंका (ओडिशा), माधव लवकारे (दिल्ली) आर्यमान लखोटिया (प. बंगाल), प्रत्यक्ष बीआर (कर्नाटक),
आयुष्मान त्रिपाठी (ओडिशा), मेघा (राजस्थान), निशांत धनखड़ (दिल्ली) राम एम. (तमिलनाडु), देवदुष्यंत जोशी(गुजरात), विनायक एम. (कर्नाटक), आर्यमान अग्रवाल (प. बंगाल), टी अतुुल पांड्या (महाराष्ट्र)
कार्तिक गोयल, उसकी बहन आद्रिका गोयल (मध्यप्रदेश) : दोनों बच्चों ने 2 अप्रैल 2018 को उपद्रव के दौरान अपने घर से खाना ले जाकर रेल यात्रियों को बांटा था. मुरैना रेलवे स्टेशन पर बच्चों द्वारा किए गए इस नेक कार्य कस VIDEO वायरल हो गया था.
शिवांगी, अनीश (हरियाणा), आर. प्रागनंद्धा (तमिलनाडु), एशो (अंडमान), प्रियम टी. (आंध्रप्रदेश), ए. देवकुले (महाराष्ट्र) निखिल
Source : News Nation Bureau