आजाद भारत के 72वें गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसान नेताओं के 'खोखले वादों' ने पूरे देश को न सिर्फ शर्मसार कर दिया है, बल्कि राष्ट्रीय पर्व के दिन को भी कलंकित कर दिया है. तुर्रा यह है कि राष्ट्रीय राजधानी के दिल पर तांडव करती इस घटना के लिए पूरे तौर पर पुलिस-प्रशासन को ही जिम्मेदार करार दिया गया है. कल तक शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली की बात कर रहे किसान नेता मंगलवार को हंगामा शुरू होने के घंटों बाद सामने आए और उग्र किसानों को रोकने के बजाय पुलिस पर ही उकसाने का आरोप मढ़ा. हद तो यह है कि यही किसान नेता कह रहे हैं कि अब तो धरना दिल्ली में ही दिया जाएगा, जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किए जाते.
याद आ गई कैपिटल हिल हिंसा
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यही है कि किसान नेताओं ने वादा किया था कि ट्रैक्टर रैली लेकर आने वाले किसान तिरंगे के साथ हैं. यह अलग बात है कि हाथ और ट्रैक्टर पर फहरा रहे किसान उपद्रवी में तब्दील हो गए. सवाल उठता है कि क्या तिरंगा थामे उपद्रवियों को वॉशिंगटन के कैपिटल हिल हिंसा की तरह राष्ट्रीय राजधानी पर कब्जा करने की छूट दी जा सकती है.
Can Indian National Flag be used by goons, rowdies, Khalistanis to destroy public property??pic.twitter.com/ri9KZWt6wx
— Dr Aishwarya S (@Aish17aer) January 26, 2021
जय जवान जय किसान का नारा छोड़ जवानों को ही निशाना बनाया
जय जवान जय किसान के नारे उछालते आ रहे इन अराजक तत्वों ने गणतंत्र दिवस के ही दिन जवानों को निशाना बनाया. कहीं दौड़ा कर डंडे लगे तिरंगों से पीटा, तो कहीं धक्का-मुक्की की. यह उन जवानों का सीधा-सीधा अपमान है, जिन्हें गणतंत्र दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं. उन जवानों की तौहीन है जो गणतंत्र को बचाने के लिए सीमा पर और घरेलू मोर्चे पर डटे रहते हैं
दिल्ली पुलिस ने नॉएडा-दिल्ली (DND) के बीच ट्रेफ़िक आधा घंटे से रोका हुआ है, एक एम्बुलेंस भी फँसी हुई है जबकि यहाँ एक भी किसान नहीं है, जहां किसान है वहाँ वे किसानी के ट्रेक्टर को रोक नहीं पा रहे हैं @dtptraffic @CPDelhi अच्छे से जानते हैं कहाँ,कब मासूम नागरिक को परेशान करना है.
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) January 26, 2021
हाथों में तलवार लेकर धमकाते निहंग
दिल्ली सीमा पर हाथ में तलवारें लहराते घोड़े पर सवार और पैदल निहंगों ने पुलिसवालों तक को निशाना बनाया. यह तब है जब शांतिपूर्ण रैली की बात की गई थी. बैरिकेड्स तोड़ दिए गए. डीटीसी की बसें पलट दी गईं.
दिल्ली पुलिस ने नॉएडा-दिल्ली (DND) के बीच ट्रेफ़िक आधा घंटे से रोका हुआ है, एक एम्बुलेंस भी फँसी हुई है जबकि यहाँ एक भी किसान नहीं है, जहां किसान है वहाँ वे किसानी के ट्रेक्टर को रोक नहीं पा रहे हैं @dtptraffic @CPDelhi अच्छे से जानते हैं कहाँ,कब मासूम नागरिक को परेशान करना है.
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) January 26, 2021
सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान
आईटीओ पर गाजीपुर बॉर्डर से आए किसानों ने रोकने के लिए खड़ी की गई डीटीसी बसों को निशाना बनाया गया. यह तब है जब सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने के लिए सर्वोच्च अदालत भी गलत ठहरा चुकी है.
#WATCH Delhi: Protesting farmers vandalise a DTC bus in ITO area of the national capital. pic.twitter.com/5yUiHQ4aZm
— ANI (@ANI) January 26, 2021
शाहीन बाग की यादें हो आईं ताजा
किसानों के इस उपद्रव ने शाहीन बाग की याद दिला दी है. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स कहते पाए गए कि यह शाहीन बाग पार्ट 2 लग रहा है. इससे उन आशंकाओं की पुष्टि ही होती है कि किसान आंदोलन में कुछ राष्ट्रविरोधी ताकतें सक्रिय हो गई हैं.
WATCH Real Face Of So Called Farmers, Shaheen Baag Part 2 In making...!!!!#FarmLaws pic.twitter.com/BWlzEGm9pC
— Aayush Dubey (@ModifiedAayush) January 26, 2021
Source : News Nation Bureau