सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण (Reservation in promotion) से जुड़े मामलों की सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच शुक्रवार से सुनवाई करने जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) पदोन्नति में आरक्षण के 42 से अधिक प्रकरणों में आज से सुनवाई शुरू करेगा।
नौकरी में प्रमोशन को लेकर मप्र सरकार आवेदन लगाने जा रही है कि उसे भी महाराष्ट्र सरकार को मिली छूट की तरह प्रमोशन करने के आदेश दिए जाएं। महाराष्ट्र सरकार को राहत मिलने के बाद केंद्रीय कार्मिक विभाग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सर्कुलर जारी करके कहा था कि वे अपने हिसाब से वर्कआउट करें लेकिन मप्र को लेकर एम. नागराज केस में कोर्ट ने यथास्थिति रखने के आदेश दिए थे।
बता दें कि नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर लम्बी लड़ाई चल रही है। केंद्र सरकार सहित चार राज्यों के पदोन्नति में आरक्षण के करीब सौ मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।
माना जा रही है कि आज से जो संविधान पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है वह सभी मामलों के निपटारा जल्द कर लेगी। 5 जजों की संविधान पीठ मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में सुनवाई करेगी। पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंगटन नरीमन, जस्टिस कौल एवं जस्टिस इंदु मल्होत्रा होंगी।
बता दे कि 30 अप्रैल, 2016 के उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पदोन्नति नियम 2002 असंवैधानिक ठहराए जाने और इनके आधार पर गलत पदोन्नत अनुसूचित जाति/जनजाति के सेवकों को पदोन्नत करने का निर्णय दिया था जिसके खिलाफ मप्र सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई और मामले में वर्तमान में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश है। इसके फलस्वरूप पिछले 2 वर्ष से अधिक समय से पदोन्नतियां रुकी हुई हैं।
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Source : News Nation Bureau