प्रोन्नति (Promotion) में आरक्षण (Reservation) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के सांसद आगे की रणनीति बनाएंगे. इस सिलिसिले में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के आमंत्रण पर सोमवार को उनके आवास पर एक मिलन समारोह में एससी/एसटी के 50 से अधिक सांसद जुटे. इस आयोजन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत समेत छह केंद्रीय मंत्री शामिल हुए. समारोह में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के मसले को लेकर आगे की रणनीति बनाने पर सांसदों ने विचार-विमर्श किया.
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में कहा है कि राज्य सरकारें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है. शीर्ष अदालत ने बीते सप्ताह अपने फैसले में कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण का दावा करना किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस मसले को लेकर पार्टी लाइन से ऊपर उठकर दोनों समुदाय के सांसद यहां केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने इस मामले में आगे की रणनीति बनाने के संबंध में विचार-विमर्श किया.
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लोकसभा में हुआ था हंगामा
सोमवार को ही, इससे पहले राज्यसभा में थावरचंद गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की भलाई के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. हालांकि इसके पहले सोमवार को लोकसभा और बाहर प्रोन्नति में आरक्षण को लेकर काफी हंगामा हुआ. यहां तक कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कहना पड़ा था कि संबंधित मंत्री के बयान के बाद ही कोई राय बनानी चाहिए. यही नहीं, राजनाथ सिंह ने इस संवेदनशील मसले पर भी राजनीति करने का आरोप कांग्रेस पर लगाया था. इसके पहले राहुल गांधी ने बयान जारी बीजेपी और आरएसएस पर आरक्षण खत्म करने का आरोप मढ़ा था.
HIGHLIGHTS
- SC/ST के सांसद आगे की रणनीति बनाएंगे.
- राम विलास पासवान के आवास पर जुटे सांसद.
- कांग्रेस और बीजेपी इस मसले पर आमने-सामने.