देश में सवर्णों की कुल आबादी 15 फीसदी है , नीतीश कुमार द्वारा 27 जनवरी , 2011 को सवर्ण आयोग का गठन किया गया था. सवर्णों के बीच आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ापन के अध्ययन के बाद आयोग की रिपोर्ट अगड़ी जाति के प्रति स्थापित मिथकों को स्पष्ट करती है. रिपोर्ट के अनुसार अगड़ी जातियों की बड़ी आबादी को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. हिंदू व मुसलमानों की अगड़ी जातियों में काम करनेवाली कुल आबादी के एक चौथाई यानी 25 प्रतिशत जनसंख्या रोजगार से वंचित और आर्थिक तंगी की चपेट में है. हिंदुओं में सबसे अधिक बेरोजगारी भूमिहारों में है.
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इस जाति के औसतन 11.8 फीसदी लोगों के पास रोजगार नहीं है. अगड़ी जातियों में काम करनेवाली आबादी जिसमें रोजगार और बेरोजगार दोनों शामिल हैं , हिंदुओं में 46.6 फीसदी और मुसलमानों में 43 फीसदी है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में ऊंची जातियों के बीच बेरोजगारी का स्तर लगभग एक समान ही है. इन जातियों की महिलाओं के काम-काज में भागीदारी भी काफी कम है.
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एक और आंकड़े की मानें , तो सवर्ण जाति का 56.3 फीसदी हिस्सा तनख्वाह व मजदूरी पर निर्भर करता है. ग्रामीण इलाकों में हिंदू सवर्णों की 34 फीसदी जनसंख्या के पास नियमित आमदनी नहीं है , जबकि मुसलमान सवर्णों के 58 फीसदी लोग नियमित आमदनी से वंचित हैं. ग्रामीण बिहार में गरीबी के कारण ऊंची जाति के 49 फीसदी हिंदू और 61 फीसदी मुस्लिम स्कूल व कॉलेज नहीं जा पाते. इन जातियों में हायर सेकेंड्री तक की शिक्षा ग्रहण करनेवाली ग्रामीण आबादी महज 36 फीसदी है , जबकि मुसलमानों में यह मात्र 15 फीसदी ही है.
इन जाति समूहों की लगभग एक चौथाई आबादी साक्षर नहीं है. इस स्थिति में बिहार सरकार ने सवर्णों के पिछड़ेपन की सुध लेते हुए सलाना डेढ़ लाख से कम आमदनी वाले सवर्ण परिवार को गरीब मानकर सभी कल्याणकारी योजनाओं के दायरे में रखने की अनुशंसा की है.
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इस श्रेणी में आने वाले सवर्ण छात्रों को दसवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि तथा पहली से लेकर 10 कक्षा के विद्यार्थियों को प्रति वर्ष 600 से 1,800 रुपये तक की छात्रवृत्ति देने का प्रावधान किया गया. सरकार द्वारा 100 करोड़ की राशि इन योजनाओं पर खर्च हेतु आवंटित की गयी है.
हाल में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान द्वारा गरीब सवर्णों के लिए सरकारी नौकरियों में 15 फीसदी आरक्षण की मांग की गयी थी. बसपा सुप्रीमो मायावती भी गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की सिफारिश कर चुकी हैं. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को ‘20-25 प्रतिशत आरक्षण ’ देने की मांग पहले ही कर चुके हैं
किस समुदाय को कितना रिज़र्वेशन
- एससी - 15 %
- एसटी - 7.5% %
- ओबीसी – 27 %
- TOTAL-49.5%
केंद्र सरकार की नौकरियों में किस समुदाय की कितनी हिस्सेदारी
- एससी – 17.35%
- एसटी – 8.38%
- ओबीसी – 19.28%
Source : News Nation Bureau