पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पार्टी आलाकमान से कहा कि जब ममता बनर्जी से बातचीत हो रही थी तब भी मैंने इस्तीफा दे दिया था. मगर उस दौरान उन्हें रोक दिया गया था. अब चुनाव खत्म हो चुका है. अब मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाए. आलाकमान ने आखिरी फैसला न होने तक पद पर बने रहने को कहा है. आपको बता दें कि अधीर रंजन चौधरी 2019 से 2024 तक लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे हैं. वह इस बार बंगाल की बहरामपुर से मैदान में उतरे थे. मगर टीएमसी नेता और क्रिकेटर क्रिकेटर यूसुफ पठान ने उन्हें 80 हजार से अधिक मतों से हरा दिया. चुनाव में यूसुफ पठान को 5,24,516 मत मिले थे. वहीं कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी को 4,39,494 मत प्राप्त हुए थे.
अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़ा नाम हैं. वे बरसों से बतौर विपक्ष के नेता पश्विम बंगाल में ममता सरकार से लड़ते आए हैं. पार्टी आलाकमान के साथ अधीर रंजन के मतभेद खुलकर सामने आए थे. इस इंडिया अलायंस बनने के बाद कांग्रेस ने ममता बनर्जी की टीएमसी के साथ गठबंधन किया था. ऐसा कहा जा रहा था कि अधीर रंजन चौधरी टीएमसी के साथ गठबंधन नहीं चाहते थे.
सबसे पुरानी पार्टी 40 सीटें जीतेगी या नहीं
अधीर रंजन चौधरी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के उस बयान पर नाराज हो गए, इसमें उन्होंने कहा था कि सबसे पुरानी पार्टी 40 सीटें जीतेगी या नहीं. ये भी कहना मुश्किल है. ममता के बयान पर अधीर रंजन ने पलटवार किया था. वे खुलकर बंगाल सीएम के विरोध में नजर आए. अधीर रंजन ने कहा कि अगर इंडिया ब्लॉग का कोई नेता इस तरह से कहता तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ममता भाजपा से डरती हैं. इसलिए वह रुख बदल रही हैं.
टीएमसी को 29 सीटें मिली हैं
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को इस लोकसभा में केवल एक सीट ही मिली. यहां पर 40 सीटें हैं. वहीं टीएमसी को 29 सीटें मिली हैं. भाजपा के खाते में सिर्फ 12 सीटें आई हैं. इस बार के चुनाव में टीएमसी को बीते चुनाव की तुलना में 7 सीटों ज्यादा मिली हैं. वहीं कांग्रसे पिछली बार के मुकाबले एक सीट का नुकसान हुआ है. भाजपा को छह सीटों का नुकसान हुआ है.
Source : News Nation Bureau