केरल के बाद अब पंजाब विधानसभा ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रस्ताव पास कर दिया है. पिछले साल के अंतिम दिन केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान सीएम विजयन ने कहा कि केरल में धर्मनिरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास है. हर कोई हमारी जमीन पर पहुंचा. सदन में यह प्रस्ताव पास हो गया था.
केरल की तरह ही पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने भी राज्य विधानसभा में नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कराया है. पंजाब के कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया और चर्चा के बाद इस प्रस्ताव को पारित भी करा लिया गया. पंजाब सरकार के इस कदम का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने स्वागत किया है.
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पंजाब सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि CAA का प्रारूप देश के संविधान और इसकी मूल भावना के खिलाफ है. यह देश के कुछ धर्म विशेष के लोगों की पहचान को खत्म करने की कोशिश करता है. यह एक्ट प्रवासी लोगों को बांटता है और समानता के अधिकार के खिलाफ है.
देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पंजाब सरकार के इस कदम की तारीफ करते हुए ट्वीट किया, 'मैं पंजाब विधानसभा की सराहना करता हूं जो आज सीएए के खिलाफ प्रस्ताव विचार के लिए लाएगी.'
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हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था, उनकी सरकार इस विभाजनकारी कानून को लागू नहीं होने देगी. यह कानून एनआरसी और एनपीआर के साथ भारतीय संविधान का उल्लंघन करता है.
Source : News Nation Bureau