पीयूष गोयल को मोदी 2.0 की नई कैबिनेट में एक बार फिर से रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. गोयल को रेलमंत्रालय के साथ कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय भी दिया गया है. पीयूष गोयल नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी रेल मंत्री थे. पीयूष गोयल ने रेलवे में बदलाव के लिए कई कदम उठाए. उन्होंने टेक्नोलॉजी पर भी जोर देते हुए रेल यात्रियों की सुविधा से जुड़े कई बड़े कदम उठाए. फिलहाल वो राज्यसभा में सदस्य हैं. इससे पहले गोयल साल 2014 से 2017 तक मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बिजली और कोयला मंत्रालयों के राज्य मंत्री थे पीयूष गोयल के साथ अंगडी सुरेश चन्नबसप्पा को भी रेल राज्य मंत्री बनाया गया है.
पीयूष गोयल ने रेल मंत्रालय का काम संभालने के बाद कहा, अगले 5 साल में भारतीय रेल को तेज गति देना, सुविधाओं में प्रगति लाना, रेल यात्रा और समान ढुलाई मेरा लक्ष्य होगा. मैं उत्साह के साथ आया हूं, बहुत प्रसन्नता है कि काम करने का सिलसिला आगे बढ़ता रहेगा, पीएम मोदी के ढेर सारे कामों का जनता ने आशीर्वाद दिया है. वह चलता रहे, कंटीन्यूटी विथ चेंज. पीयूष गोयल ने आगे कहा, राज्यमंत्री के तौर ओर अंगड़ी जी का आना हमारे लिए खुशखबरी है. कर्नाटक में जो मैंडेट मिला है, वह पूरी तरह से विकासमुखी सरकार की जीत है. यह अवसरवादी गठबंधन के खिलाफ जनता का मैंडेट है. रेलवे को नई ऊंचाई पर ले जाना है, इंफ्रा, सुविधाएं, स्पीड, नई इंडियन रेलवे नई इंडिया में होगा.
पिछली सरकार में बने थे संकट मोचक
नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी पीयूष गोयल ने संकट मोचक की भूमिका निभाते हुए कई मंत्रालयों को उबारने मोदी सरकार की मदद की थी. पीयूष गोयल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सबसे काबिल मंत्रियों में से एक थे. जब आए दिन रेल हादसों के चलते सरकार नाकाम हो रही थी और सुरेश प्रभु ने नैतिक तौर इसे अपनी जिम्मेदारी मानते हुए इस्तीफा दे दिया था तब पीयूष गोयल ने रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी. गोयल को जिस मंत्रालय जिम्मेदारियां दी गई उन सब मंत्रायलयों को गोयल पटरी पर ले आए.
कोल ब्लॉक आवंटन का मसला सुलझाया
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जब पीयूष गोयल कोयला मंत्री की भूमिका में थे तब उन्होंने कोयला संकट और कोल ब्लॉक आवंटन के पेचीदा मसले को बहुत ही आसानी से सुलझाया था. ऊर्जा मंत्री के रूप में हर घर तक बिजली पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना को वक्त पर पूरा किया. जब ट्रेन हादसों के बाद देश की रेल पटरी से उतरती हुई लगी तो गोयल ने आकर रेल मंत्रालय को उबारा.
Source : News Nation Bureau