भारतीय सेना के सेवानिवृत ब्रिगेडियर बाल कृष्ण यादव ने सर्जिकल स्ट्राइक पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सैन्य अभियानों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि सरकार हो या विपक्ष, राजनीतिक फायदे के लिए सैन्य ऑपरेशन को चर्चा का विषय नहीं बनाना चाहिए.
सेवानिवृत सैन्य अधिकारी ने कहा, 'मैं लेफ्टिनेंड जनरल हुड्डा के बयानों का समर्थन और सराहना करता हूं जिन्होंने कहा बहुत सही कहा कि सभी सैन्य ऑपरेशन खासकर स्पेशल फोर्स ऑपरेशन को राजनीतिक चर्चा का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह सुरक्षाबलों के मनोबल को प्रभावित करता हैं और इस कारण राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता होता है. सेना का मनोबल हमेशा दिमाग में रखना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ऑपरेशन ऐसा नहीं है कि पहली बार किया गया था. उन्होंने कहा, 'आर्मी का ऑपरेशन आर्मी तक ही सीमित रहना चाहिए. ऐसे ऑपरेशन नियंत्रण रेखा पर प्रभुत्व बनाने को लेकर हमारी सेना का हिस्सा है. सर्जिकल स्ट्राइक आर्मी के 13-14 लाख लोगों में से 70-80 लोगों के द्वारा की गई थी. यह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का अधिकार नहीं देती है. सभी देशवासियों को जानना चाहिए कि हमने उरी हमले का बदला लिया था.'
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आर्मी ऑपरेशन का राजनीतिक पार्टियों द्वारा राजनीतिकरण करने को लेकर यादव ने कहा, 'आर्मी की सफलता और विफलता पर चर्चा 2012 में शुरू हुई थी जब पाकिस्तान ने हमारे दो जवानों का सिर काट दिया था. यह वह समय था जब राजनीतिक पार्टियों ने इसे चर्चा का विषय बना लिया था जिसके कारण भारतीय सेना का मनोबल नीचे आया था. आर्मी अपने समय और जगह के हिसाब से जवाब देती है. मेरा मानना है कि सैन्य अभियानों को राजनीतिक फायदे के लिए सरकार और विपक्ष के द्वारा इसे चर्चा का विषय नहीं बनाना चाहिए.'
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने चंडीगढ़ में कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक का इतना प्रचार ठीक नहीं है, और वह महसूस करते हैं कि इस अभियान को गुप्त रखा जाना चाहिए था. जनरल हुड्डा की निगरानी में ही पाकिस्तानी सीमा में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी.
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लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा था कि मामले का ज्यादा प्रचार करने से भला नहीं होगा और 'सैन्य अभियानों का राजनीतिकरण' किया जाना अच्छा नहीं है. उरी हमले के बाद, सितंबर 2016 में जब भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था, हुड्डा सेना के उत्तरी कमान के कमांडर थे.
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Source : News Nation Bureau