सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत्त 70 वर्षीय उप महानिरीक्षक (डीआईजी) की हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में उस समय मौत हो गई जब वह चीन से लगती सीमा तक पहुंचने का सबसे छोटा रास्ता तलाशने की कोशिश कर रही टीम का नेतृत्व कर रहे थे. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि दिवंगत सेवानिवृत्त अधिकारी एससी नेगी वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान कारगिल में बीएसएफ के बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे और 33 साल तक अपनी सेवा देने के बाद वर्ष 2010 में सेवानिृत्त हुए थे.
बीएसएफ ने यहां जारी बयान में कहा, ‘उन्होंने पहाड़ियों में उस समय अंतिम सांस ली जब वह स्वेच्छा से बल के आवीक्षण एवं सर्वेक्षण टीम का नेतृत्व कर रहे थे जो हिमाचल प्रदेश में चीनी सीमा तक पहुंचने के सबसे छोटे रास्ते की तलाश कर रही थी.’
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बीएसएफ ने कहा, ‘परिवार ने 70 उम्र होने की वजह से ट्रिप पर नहीं जाने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने कहा था कि यह उनकी आखिरी ट्रिप होगी.’ बल ने कहा कि उनका वह शब्द सच साबित हुआ और यह उनकी आखिरी ट्रिप सााबित हुई, सेवानिवृत्त होने के बावजूद उन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राण दिए.
बीएसएफ के बयान में उन अधिकारियों की जानकारी नहीं दी है जिनका नेतृत्व नेगी कर रहे थे. हालांकि, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सूत्रों ने बताया कि सेवानिवृत्त अधिकारी को बल के गश्ती दल ने मंगलवार को चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास किन्नौर जिले के दूरदराज स्थित निशानगांव से निकाला था.
उन्होंने बताया कि आईटीबीपी के गश्ती दल ने अधिकारी को जमीन पर घायल अवस्था में पड़ा हुआ देखा और उनकी कई हड्डियां टूटी हुई थी. नेगी की मौत आईटीबीपी जवानों द्वारा लाते समय हुई. उन्होंने बताया कि नेगी का पार्थिव शरीर हिमाचल प्रदेश में 18,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित आईटीबीपी के गंथमब्रालम सीमा चौकी पर हेलीकॉप्टर आने तक करीब 24 घंटे रखा गया.
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बीएसफ ने बताया कि वर्ष 1977 के बीएसएफ काडर के अधिकारी नेगी सबसे उम्रदराज पुलिस अधिकारी थे जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया. उन्होंने वर्ष 2006 में 56 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की. उन्होंने लंबे समय तक बीएसएफ के केंद्रीय पवर्तारोहण टीम के नेतृत्व किया.
Source : News Nation Bureau