बिहार की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) गठबंधन सरकार को 'दुर्भाग्यपूर्ण' राजनीतिक घटना बता चुक शरद यादव जेडीयू की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
सूत्रों के मुताबकि, जेडीयू के एनडीए में जाने के फैसले से नाखुश पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव दिल्ली में सांप्रदायिकता के खिलाफ सेमिनार कर सकते हैं।
यह सेमिनार पटना में होने वाली जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के ठीक दो दिनों पहले यानी 17 अगस्त को होगा। 19 अगस्त को नीतीश कुमार ने पटना में जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।
खबर है कि शरद यादव जेडीयू से अलग कोई नई राजनीतिक जमीन तैयार कर सकते हैं। इसपर जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने न्यूज़ नेशन से खास बातचीत में कहा, 'शरद यादव स्वंतत्र हैं जो निर्णय लें, जेडीयू का मतलब नीतीश कुमार, एक पार्टी, एक नेता एक निशान।'
आपको बता दें की नीतीश कुमार ने सबको चौंकाते हुए महागठबंधन से खुद को अलग करने के बाद फिर से भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर 27 जुलाई को गठबंधन सरकार बना ली।
नीतीश के इस फैसले से प्रत्यक्ष तौर पर जद(यू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव नाराज हैं। यादव ने कथित तौर पर पार्टी के सहयोगियों से शिकायती स्वर में कहा कि नीतीश ने भाजपा के साथ जुड़ने से पहले उनसे सलाह नहीं ली।
पिछले दिनों बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन तोड़ने के नीतीश के फैसले पर राज्यसभा सदस्य यादव ने कहा था जनादेश इसके लिए नहीं मिला था। मैं बिहार में लिए गए पार्टी के फैसले से सहमत नहीं हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
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Source : News Nation Bureau