सुप्रीम कोर्ट के फैसले में टाइपिंग एरर (Typing Error) को दूर करने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, वहीं विपक्ष इस पर अटॉर्नी जनरल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने जा रहा है. राज्यसभा में राजद के सांसद मनोज झा ने कहा है कि वह अटॉर्नी जनरल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे. वहीं बीजेपी के ही सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अंग्रेजी में शुद्ध ड्राफ्ट भी तैयार नहीं किया गया, यह शर्म की बात है.
सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में दखल देनी चाहिए, क्योंकि ये चीजें उन्हें शर्मिंदा करती हैं. स्वामी बोले, अटॉर्नी जनरल कहते हैं कि ऐफिडेविट उन्होंने तैयार नहीं किया तो सवाल उठता है कि आखिर किसने ऐफिडेविट तैयार किया? स्वामी कहते हैं, अगर जज इस एफिडेविट पर निर्णय लेते तो ये फैसले को प्रभावित करता.'
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, अब यह तो साबित हो गया कि सरकार ने कोर्ट को गलत जानकारी दी थी. इस मुद्दे को न्यायपालिका के बजाय संसद में उठाया जाना चाहिए था. यह संवैधानिक संस्थानों का उल्लंघन है. इन सभी सवालों को जवाब केवल अटॉर्नी जनरल दे सकते हैं. उन्हें संसद द्वारा बुलाया जाना चाहिए.