शनिवार सुबह लगभग 11 बजे से देश भर में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हो गया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्री क्रमशः कैप्टन अमरिंदर सिंह और अरविंद केजरीवाल लोगों से टीकों पर अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की गुहार लगा चुके हैं. इसके बावजूद कुछ लोग हैं जो वैक्सीनेशन के लिए स्वीकृत कोवैक्सीन और कोविशील्ड में भेदभाव कर रहे हैं. दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इस तरह की बात राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से आई है. उन्होंने सीएमओ को पत्र लिखकर कोवैक्सीन के बजाय कोविशील्ड वैक्सीन की मांग की है.
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कोवैक्सीन में डेटा की कमी को बनाया आधार
आरएमएल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखा है. पत्र लिखकर उन्होंने कोवैक्सीन के बजाय कोविशील्ड का टीका लगाने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि आज अस्पताल में कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है और इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के बजाय भारत बायोटेक की कोवैक्सीन इस्तेमाल में लाई जा रही है. रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा है कि वे कोवैक्सीन के मामले में पूर्ण परीक्षण की कमी के बारे में थोड़ा आशंकित हैं और भारी संख्या में टीकाकरण में भाग नहीं ले सकते हैं. इस प्रकार टीकाकरण का उद्देश्य कामयाब नहीं हो पाएगा. ऐसे में उन्होंने कोविशील्ड के साथ टीकाकरण करने का अनुरोध किया है.
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सिर्फ आधा दर्जन जगह लग रही कोवैक्सीन
गौरतलब है कि दिल्ली में आज 81 स्थानों कोविड-19 वैक्सीनेशन का काम जारी है. दिल्ली में 75 केन्द्रों पर 'कोविशील्ड', जबकि छह स्थानों पर कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं. इन स्थानों को सरकारी तथा निजी अस्पतालों में विभाजित किया गया है. इनमें केंद्र सरकार के छह अस्पताल एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, कलावती सरन बाल अस्पताल तथा दो ईएसआई अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा 11 जिलों में स्थित दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल भी शामिल हैं.