मनी लांड्रिंग के केस में रॉबर्ट वाड्रा के अग्रिम जमानत अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. रॉबर्ट वाड्रा की ओर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता और अधिवक्ता केटीएस तुलसी पैरवी कर रहे हैं. अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज अरविंद कुमार के यहां लगी है. सुनवाई शुरू होते ही ED (ईडी) के वकील ने कहा - अभी हमने जवाब दाखिल नहीं किया है. हमें बहुत सारी प्रॉपर्टी का पता चला है. 6 फ्लैट की जानकारी मिली है. वाड्रा जांच में शामिल हों तो सच सामने आ जाएगा.
इस पर वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कहा, वाड्रा लंदन में अपनी मां के इलाज के लिए गए हैं. मंगलवार के बाद वो कभी भी शामिल हो सकते हैं. इस पर कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी. कोर्ट ने वाड्रा को ED के समन पर जांच में शामिल होने को कहा. वाड्रा 6 फरवरी को शाम ED के सामने पूछताछ के लिए हाजिर होंगे.
न्यूज़ नेशन से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट केटीएस तुलसी ने कहा, ये राजनीतिक द्वेष के चलते दायर किया केस है. इसके अलावा इसमें कुछ नहीं है. पिछले चार साल से ED जांच कर रही है, कंपनी के सारे दस्तावेज उनके पास है. सम्पत्ति से जुड़े और बैक खातों से जुड़े सभी दस्तावेज उनके पास हैं. चार साल से जांच में उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ. अब जब राजस्थान HC से राहत मिली तो उन्होंने नई ECIR दर्ज़ की. जिन आरोपों की बात ( लंदन में प्रॉपर्टी में खरीद में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप) की जा रही है, उन्हें ED लिखित में क्यों नहीं देती. आज कोर्ट ने लिखित जवाब देने को कहा ( अभी तक ED ने वाड्रा की अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी के विरोध में लिखित जवाब दाखिल नही किया). वाड्रा निश्चित तौर पर 6 फरवरी को जांच के लिए के ED के सामने हाजिर होंगे.
इससे पहले मनी लांड्रिंग के एक मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा से जुड़ा हुआ है. इसी मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का रुख किया है.
जमानत अर्जी में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था, मैं क़ानून का पालन करने इंसान हूं. यह केस और कुछ नहीं, बल्कि राजनीतिक द्वेष की भावना के चलते दर्ज़ किया गया है. अभी तक कोई जांच में शामिल होने के लिए समन नहीं मिला है,लकिन कभी भी जांच में शामिल होने के लिए समन किया जा सकता है. इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. मैं यूके अपनी बेटी की सर्जरी में बारे में जानकारी हासिल करने और बुजुर्ग मां की देखभाल के लिए गया था. समाज में मेरी प्रतिष्ठा है, परिवारिक आदमी हूं, क़ानून से भागने की कोई संभावना नहीं है.
Source : Arvind Singh