बांग्लादेश में शरण लिए रोहिंग्या मुस्लिमों पर भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त सैयद मुअज्जम अली ने कहा है कि उन्हें आतंकी नहीं कह सकते हैं।
सैयद मुअज्जम अली ने सोमवार को कहा, '60 प्रतिशत शरणार्थियों में महिलाएं, बच्चे और बूढ़े हैं। यह बड़ी संख्या है। उन्हें आतंकी नहीं कह सकते हैं।'
उन्होंने कहा, 'वे (शरणार्थी) बदतर हालात में रह रहे हैं और हमारे लिए ये संख्या बड़ी है। इसलिए हमें मानवीय पक्ष देखना होगा।'
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, म्यांमार में भड़की हिंसा के बाद अगस्त के अंत से करीब 536,000 रोहिग्या बांग्लादेश पहुंच चुके हैं।
म्यांमार के राखिने प्रांत में 25 अगस्त को रोहिंग्या उग्रवादियों ने यहां 30 पुलिस चौकियों पर हमला कर दिया था, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
इसके बाद सेना ने कथित रूप से नागरिकों को मारा, उनके घर को जलाया और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया था। इस घटना के बाद फैली हिंसा में पांच लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम भाग कर बंग्लादेश चले गए।
वहीं भारत ने रोहिंग्या को भारत में शरण देने से इनकार कर दिया और पहले आए शरणार्थियों को वापस भेजने का फैसला किया है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अदालत ने कहा है कि रोहिंग्या मामला मानवता का बड़ा मुद्दा है।
भारत का कहना है कि रोहिंग्या को निर्वासित किए जाने का कदम देश के व्यापक हित में एक नीतिगत फैसला है और उनमें से कुछ पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई और आतंकवादियों से जुड़े हुए हैं।
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Source : News Nation Bureau