रोहित वेमुला आत्महत्या मामले में जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार रोहित वेमुला दलित नहीं था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है।
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि वेमुला ने कॉलेज प्रशासन से तंग आकर अपनी जान नहीं दी थी, बल्की उसकी आत्महत्या का कारण उसकी निजी परेशानियां थी।
वेमुला हत्याकांड मामले में मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा गठित इस न्यायिक आयोग की अध्यक्षता कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश कर रहे थे।
उन्होंने कहा, 'वेमुला ने अपने सुसाइड नोट में निजी कारणों से परेशान होने की बात कही है। साथ ही वह अपनी जिंदगी से नाखुश भी था।' उसने किसी को भी अपनी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
बता दें कि वेमुला की आत्महत्या के बाद राजनीति काफी गरमा गई थी। अत्महत्या के बाद तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी नेता बंडारू दत्तात्रेय पर भी सवाल खड़े होने लगे थे।
बेमुला की आत्महत्या को लेकर कहा गया था कि बीजेपी नेताओं के दबाव में आकर कॉलेज प्रशासन ने रोहित के खिलाफ कार्रवाई की थी। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर रोहित कॉलेज की कार्रवाई से परेशान होता तो उसका जिक्र अपने सुसाइड नोट में जरूर करता।
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि वेमुला की आत्महत्या को लेकर स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय का कोई लेना देना नहीं हैं।
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Source : News Nation Bureau