बड़गाम में रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने पत्र लिखकर कर्मचारियों से 'लंबे समय तक' कश्मीर घाटी में 'कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका' के कारण राशन जमा करने समेत अन्य कदम उठाने का आह्वान किया. इस पत्र के बाद विभाग में खलबली मच गयी और रेलवे ने स्पष्ट किया कि इस पत्र का कोई आधार नहीं है और इसे जारी करने का संबंधित अधिकारी के पास कोई अधिकार भी नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐसे पत्र के मंसूबे पर सवाल खड़ा किया है.
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आरपीएफ के अधिकारी ने भेजा पत्र
आरपीएफ बड़गाम के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुदेश नुग्याल के इस पत्र को व्यापक रूप से सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है. नुग्याल ने कर्मचारियों से कम से कम चार महीने के लिए राशन इकट्ठा कर लेने और अपने परिवार को घाटी के बाहर पहुंचा आने समेत एहतियाती कदम उठाने का आह्वान किया है, लेकिन रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि यह पत्र वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त से बस एक पद नीचे के अधिकारी द्वारा बिना किसी अधिकार के पत्र भेजा गया जबकि वह 26 जुलाई से एक साल के अध्ययन अवकाश पर गये है. प्रवक्ता ने कहा कि इस अधिकारी ने अपनी धारणा के आधार पर यह पत्र जारी किया जिसका कोई आधार नहीं है और वह ऐसा पत्र जारी करने के लिए अधिकृत भी नहीं है.
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100 अतिरिक्त कंपनियों से उपजा डर
प्रवक्ता ने कहा, 'यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इस पत्र को अधिकृत करने वाले प्राधिकार से कोई मंजूरी नहीं मिली थी.' आरपीएफ के महानिरीक्षक (एनआर) को स्थिति के आकलन और सुधार के कदम उठाने के लिए भेजा जा रहा है. यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ है जब राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 100 और कंपनियां राज्य में भेजे जाने को लेकर कश्मीरी नेताओं का एक वर्ग केंद्र की आलोचना कर रहा है.
HIGHLIGHTS
- आरपीएफ के एक अधिकारी ने पत्र लिख साथियों से की अपील.
- उमर अब्दुल्ला ने पत्र के मंसूबे पर उठाए सवाल.
- 100 अतिरिक्त कंपनी सुरक्षा बल तैनात.