सीपीएम (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) की पश्चिम बंगाल ईकाई ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी की बंगाल ईकाई बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा करा रही है। सीपीएम ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोट को बैन किए जाने की प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले बीजेपी की बंगाल ईकाई ने बैंकों में तत्काल पैसा जमा कराया।
बंगाली अखबार गणशक्ति में सामने आए एक लेख में दावा किया गया है कि कोलकाता के चितरंजन एवेन्यू ब्रांच में करीब 1 करोड़ रूपये जमा कराए गए। गणशक्ति सीपीएम का मुखपत्र है। अखबार के मुताबिक बीजेपी की बंगाल ईकाई ने खाता संख्या 554510034 में करीब एक करोड़ रुपये जमा कराए।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 8 नवंबर को पीएम मोदी की घोषणा से ठीक पहले 1000 रुपये के नोट में 60 लाख रूपये और 500 रुपये के नोट में 40 लाख रूपये जमा कराए गए। इसमें यह आशंका जाहिर की गई है कि क्या बीजेपी से जुड़े लोगों को प्रधानमंत्री के फैसले की जानकारी थी।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट प्रशांत भूषण ने खाता संख्या और जमा कराई गई रकम को लेकर सवाल उठाया है। भूषण ने कहा, 'पश्चिम बंगाल बीजेपी का यह एक खाता है जो कोलकाता के सेंट्रल एवेन्यू के इंडियन बैंक में है, जिसमें प्रधानमंत्री के भाषण से पहले 1000 रुपये के नोट में 1 करोड़ रुपये जमा कराए गए।'
हालांकि पश्चिम बंगाल की बीजेपी ईकाई ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है। बंगाल बीजेपी के प्रेसिडेंट दिलीप घोष ने कहा कि पार्टी ने किसी तरह ही अनियमितता नहीं बरती है। घोष ने कहा, 'यह रकम कानूनी थी और जरूरत पड़ने पर हम किसी भी जांच एजेंसी को इसकी जानकारी दे सकते हैं।'