कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तांडव मचा रखा है. दुनिया के एक से एक शक्तिशाली देश भी इस वायरस के सामने नतमस्तक हो चुके हैं, अब तक कोई भी देश कोरोना वायरस को खत्म करने की दवा का इजाद नहीं कर पाए हैं. भारत में भी कोरोना वायरस अब अपना पांव पसारता हुआ दिखाई दे रहा है. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने अब तक लगातार कारगर उपाय किए और उनको देश की जनता ने भरपूर सहयोग भी दिया. बीच प्रधानमंत्री के निर्देश पर पीएम केयर्स (PM Cares) फंड बनाया गया था.
पीएम मोदी के आह्वान पर पीएम केयर्स फंड में आम आदमी से लेकर खास तक ने दिल खोलकर दान किया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि इस फंड से कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए 3100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. पीएमओ ने बताया है कि इस फंड के 3100 करोड़ रुपयों में से 2000 रुपये के वेंटीलेटर खरीदे जाएंगे. इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के लिए भी पीएम केयर्स फंड से आवंटित पैसों में से 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा लगभग 100 करोड़ रुपए कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने के लिए दिए जाएंगे.
यह भी पढ़ें-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की स्वदेशी चीजों की 'ब्रांडिंग', खादी की बढ़ी मांग
विपक्ष लगातार पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठाता रहा है
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद ही देश में पीएम केयर्स फंड का गठन किया गया है. पीएम मोदी ने खुद आगे बढ़कर पीएम केयर्स का गठन किया. आपको बता दें कि पीएम केयर्स फंड को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. कांग्रेस ने लगातार इस फंड के गठन की ऑडिट की मांग की है. इस फंड को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी. कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए बने पीएम केयर्स कोष के गठन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए खारिज कर दी थी.
यह भी पढ़ें-लॉकडाउन 4.0 पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की बैठक, इस मुद्दे पर हुई चर्चा
क्या है प्रधानमंत्री राहत कोष
प्रधानमंत्री राहत कोष संसद द्वारा गठित नहीं किया गया है. आजादी के बाद जब देश का विभाजन हुआ उसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि विस्थापितों के मदद के लिए सरकार प्रयास कर रही है परंतु यह पर्याप्त नहीं है और इसीलिए इनकी मदद के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है. इसी के तहत एक राष्ट्रीय कोष की स्थापना की गई. खास बात यह भी है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का गठन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था हालांकि इसके प्रबंध समिति ने हमेशा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को शामिल किया गया है. इस फंड के गठन के समय इसकी प्रबंध समिति में प्रधान मंत्री, भारत की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष, उप प्रधान मंत्री, वित्त मंत्री, टाटा ट्रस्टीज़ का एक प्रतिनिधि और फिक्की द्वारा चुने जाने वाले उद्योग और वाणिज्य का प्रतिनिधि शामिल थे.