आज यानी 8 अक्टूबर को देशभर में दशहरे का त्योहार मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर आरएसएस ने भी विजयादशमी कार्यक्रम का आयोजन किया है. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, नई सरकार को बढ़ी हुई संख्या में फिर से चुनकर लाकर समाज ने उनके पिछले कार्यों की सम्मति व आने वाले समय के लिए बहुत सारी अपेक्षाओं को व्यक्त किया था. जन अपेक्षाओं को प्रत्यक्ष में साकार कर, जन भावनाओं का सम्मान करते हुए, देशहित में उनकी इच्छाएं पूरा करने का साहस दोबारा चुने हुए शासन में है. धारा 370 को अप्रभावी बनाने के सरकार के काम से यह बात सिद्ध हुई है.
मोहन भागवत ने कहा, मोदी सरकार का कदम तब पूरा होगा जब 370 के प्रभाव में न हो सके न्याय कार्य सम्पन्न होंगे और उसी प्रभाव के कारण चलते आये अन्याय खत्म होंगे. वहीं मिशन चंद्रयान की तारीफ करते हुए मोहन भागनत ने कहा, हमारे वैज्ञानिकों ने अब तक चंद्रमा के अनछुए प्रदेश,उसके दक्षिण ध्रुव पर अपना चांद्रयान ‘विक्रम’ उतारा. हालांकि उन्हें अपेक्षा के अनुरूप सफलता नहीं मिली,लेकिन पहले ही प्रयास में इतना कुछ कर पाना यह भी सारी दुनिया को अबतक साध्य न हुई एक बात थी.
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'संपन्न भारत अभी भी दूर'
उन्होंने आगे कहा, सुखद वातावरण में अलसा कर हम अपनी सजगता और अपनी तत्परता को भुला दें,सब कुछ शासन पर छोड़ कर,निष्क्रिय होकर विलासिता और स्वार्थों में मग्न हों, ऐसा समय नहीं है.जिस दिशा में हम लोगों ने चलना शुरू किया है, वह अपना अंतिम लक्ष्य-परमवैभव संपन्न भारत-अभी दूर है.
मोहन भागवत ने कहा, मार्ग के रोड़े, बाधाएं और हमें रोकने की इच्छा रखने वाली शक्तियों के कारनामे अभी समाप्त नहीं हुए हैं. हमारे सामने कुछ संकट हैं जिनका उपाय हमें करना है. कुछ प्रश्न है जिनके उत्तर हमें देने हैं, और कुछ समस्याएं हैं जिनका निदान कर हमें उन्हें सुलझाना है. उन्होंने कहा, सौभाग्य से हमारे देश के सुरक्षा सामर्थ्य की स्थिति, हमारे सेना की तैयारी, हमारे शासन की सुरक्षा नीति और हमारे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कुशलता की स्थिति इस प्रकार की बनी है कि इस मामले में हम लोग सजग और आश्वस्त हैं.
सीमा पर सुरक्षा पहले से बेहतर
मोहन भागवत ने कहा, हमारी स्थल सीमा और जल सीमाओं पर सुरक्षा सतर्कता पहले से अच्छीहै. केवल स्थल सीमापर रक्षक और चौकियों की संख्या और जल सीमापर(द्वीपों वाले टापुओं की)निगरानी अधिक बढ़ानी पड़ेगी. देश के अन्दर भी उग्रवादी हिंसा में कमी आयीहै.उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या भी बढ़ी है.
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विरोधियों पर भी साधा निशाना
मोहन भागवत ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, पिछले कुछ सालों में एक परिवर्तन भारत की सोच की दिशा में आया है. उसको न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी. भारत को बढ़ता हुआ देखना जिनके स्वार्थों के लिए भय पैदा करता है,ऐसी शक्तियां भी भारत को दृढ़ता और शक्ति से संपन्न होने नहीं देना चाहती.
उन्होंने कहा, समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद और सहयोग बढ़ाने के प्रयास में प्रयासरत होना चाहिए. उन्होंने कहा, समाज के सभी वर्गों को सद्भाव, समरसता, सहयोग और कानून संविधान की मर्यादा में ही अपने विचारों को रखना चाहिए. यह आज की स्थिति में बेहद आवश्यक बात है. मोहन भागवत ने कहा, कुछ बातों का निर्णय न्यायालय से ही होना पड़ता है. निर्णय कुछ भी हो आपस के सद्भाव को किसी भी बात से ठेस ना पहुंचे ऐसी वाणी और कृति सभी जिम्मेदार नागरिकों की होनी चाहिए. यह जिम्मेवारी किसी एक समूह की नहीं है. यह सभी की जिम्मेदारी है. सभी को उसका पालन करना चाहिए.
RSS Chief Mohan Bhagwat in Nagpur: In such incidents, RSS members do not get involved rather they try to stop it. Par iss sabko ko tarah tarah se pesh karke, use jhagda banane ka kaam chal raha hai. Ek shadyantra chal raha hai, yeh sabko samajhna chaiye. #Maharashtra https://t.co/TBuKHRxr2n
— ANI (@ANI) October 8, 2019
वहीं मॉब लिंचिंग पर बात करते हुए उन्होंने कहा, संघ का इस तरह की घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है. इन घटनाओं को लेकर सख्त कानून बनाए जाने चाहिए. संघ इस तरह की घटनाओं को हमेशा रोकने का प्रयास करता है लेकिन इन घटनाओं को पेश कर षड्यंत्र चलाया जा रहा है. ये सबको समझना चाहिए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो