RSS chief Mohan Bhagwat Speech : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने गुरुवार को कहा कि अपने देश की सीमाओं पर और अपनी स्वतंत्रता पर बुरी नजर रखने वाले शत्रु बैठे हैं, उनको अपना बल दिखाने के बजाय हम आपस में ही लड़ रहे हैं. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने आगे कहा कि विदेशी तो अब यहां से चले गए, लेकिन इस्लाम की पूजा यहीं सबसे सुरक्षित चलती है.
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जैसे गर्मी में वर्षा की बौछारें सुखद लगती हैं वैसे ही स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद इस प्रकार की सुखद भावनाओं का अनुभव हम जैसे कर रहे हैं, वैसे हमें चिंतित करने वाला दृश्य भी परिस्थिति में मिल रहा है. देश में इसी समय कितने जगह कितने प्रकार के कलह मचे हैं, भाषा, पंथ, संप्रदायों, मिलने वाली सहुलियतों के लिए विवाद और सिर्फ विवाद ही नहीं बल्कि इसका इस हद तक बढ़ना कि आपस में ही हम हिंसा करने लगे हैं. देश की सीमाओं पर बुरी नजर डालने वाले दुश्मनों को बल दिखाने के बजाए हम आपस में ही एक-दूसरे से लड़ रहे हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि पूरे विश्व में इस्लाम का आक्रमण हुआ, स्पेन से लेकर मंगोलिया तक छा गया. वहां के लोग धीरे-धीरे जागे और उन्होंने आक्रमणकारियों को पराजित कर दिया तो इस्लाम अपने कार्य क्षेत्र में ही सिकुड़ गया. सबने सब बदल दिया. अब यहां से विदेशी तो चले गए, लेकिन इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है, यहीं सुरक्षित चलती है. कितने शतक हुए यह सह जीवन चल रहा है. इसको न पहचानते हुए आपस के भेदों को ही बरकरार रखने वाली नीति चलाना, ऐसा करेंगे तो कैसे होगा.