राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने अपने संगठन की तुलना इस्लामिक संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि कांग्रेस प्रमुख भारत को नहीं जानते इसलिए वह भगवा संगठन को समझ नहीं सकते। आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों के जवाब में कहा कि राहुल गांधी मुस्लिम ब्रदरहुड की अवधारणा को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि, 'आज पूरा विश्व इस्लामिक कट्टरपंथ के खतरे का सामने कर रहा है। वह (राहुल गांधी) अनभिज्ञ हैं वह स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते इसलिए इस प्रकार का बयान दे रहे हैं।'
भारत को समझने का प्रयास करने के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष के पुराने बयान का जिक्र करते हुए अरूण कुमार ने कहा, 'जो भारत को नहीं समझता वह संघ को नहीं समझ सकता।' कुमार ने कहा कि राहुल गांधी भारत और 'वसुधैव कुटुंबकम' के उसके सांस्कृतिक लोकाचार से अनभिज्ञ हैं जिसका तात्पर्य है कि विश्व एक परिवार है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में कहा था कि आरएसएस की विचारधारा अरब जगत के मुस्लिम ब्रदरहुड के समान है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि आरएसएस भारत की प्रकृति बदलने और इसकी संस्थाओं पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है।
राहुल ने कहा था, 'हम एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं जिसका नाम आरएसएस है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर आफ इंडिया) को बदलना चाहता है। भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, 'हम जिससे जूझ रहे हैं वह एकदम नया विचार है। यह ऐसा विचार है जो अरब जगत में मुस्लिम ब्रदरहुड के रूप में पाया जाता है। यह विचार यह है कि एक खास विचार को हर संस्थान को संचालित करना चाहिए, एक विचार को बाकी सभी विचारों को कुचल देना चाहिए।'
इसके अलावा राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधकर उदाहरण देते हुए कहा था, 'आप सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों की प्रतिक्रिया देखिए जो सामने आकर कहते हैं कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। आप रघुराम राजन (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर) और नोटबंदी के झटके को देखिए। आप देख सकते हैं कि भारत के संस्थानों को कैसे एक-एक कर तोड़ा जा रहा है। इस सबका जवाब दिया जाना चाहिए, एक ऐसा जवाब जिसमें वे सब शामिल हों जो भारत ने जो कुछ हासिल किया है, उसका मूल्य समझते हों।'
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राहुल ने कहा था कि नोटबंदी का फैसला हर एक संस्थान की अवहेलना कर लिया गया था। कुछ हफ्ते लगे अर्थशास्त्रियों को यह समझने में कि क्या हुआ है। रिजर्व बैंक से बात नहीं की गई, वित्त मंत्री इसके बारे में नहीं जानते थे। इसका विचार सीधे आरएसएस से आया था।
Source : News Nation Bureau