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RSS कभी नहीं कहता हम दक्षिणपंथी हैं, दत्तात्रेय होसबले का बड़ा बयान

सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले (Dattatreya Hosabale) ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की भू-राजनीतिक परिस्थितियों में जन्मा ‘वामपंथ और दक्षिणपंथ’ व ‘पूरब और पश्चिम’ का संघर्ष अब धूमिल हो चुका है.

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Nihar Saxena
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Dattatrey Hosabole

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले (Dattatreya Hosabale) ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की भू-राजनीतिक परिस्थितियों में जन्मा ‘वामपंथ और दक्षिणपंथ’ व ‘पूरब और पश्चिम’ का संघर्ष अब धूमिल हो चुका है. आज दुनिया मानवतावादी विचारों को अपना रही है जो हिंदुत्‍व का सार तत्व है.  उन्होंने कहा, 'मैं आरएसएस से हूं. संघ प्रशिक्षण शिविरों में हम कभी ये नहीं कहते कि  हम दक्षिणपंथी हैं. हमारे कई आइडिया वामपंथियों की तरह होते हैं.' उन्होंने कहा कि पूरब पूरी तरह से पूरब नहीं है, पश्चिम पूरी तरह से पश्चिम नहीं है. इसी प्रकार से वामपंथ (Left) पूरी तरह से वामपंथ नहीं है और दक्षिणपंथ पूरी तरह से दक्षिणपंथ नहीं है.

पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों का अवसान
होसबले ने आरएसएस के प्रचारक राम माधव की पुस्तक ‘द हिंदू पैराडाइम : इंटीग्रल ह्यूमनिज्म एंड क्वेस्ट फॉर ए नॉन वेस्टर्न वर्ल्‍डव्‍यू’ पर परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए यह बात कही. आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा कि पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों का अवसान हो गया है, लेकिन पूंजीवाद के कुछ विचार और साम्यवाद के कुछ विचार अभी भी मौजूद हैं और रहेंगे. उन्होंने कहा कि ये विचार मानव मस्तिष्क से उत्पन्न विचार हैं जो लोगों के अनुभवों पर आधारित हैं. इसलिए हमें सभी क्षेत्रों और वर्गों के श्रेष्ठ विचारों का लाभ लेना चाहिए. जिनकी मंदिरों में आस्था नहीं, उनपर भी खर्च हो रहा मंदिरों का धन, भागवत का इशारा क्या?

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वामपंथ-दक्षिणपंथ के करीब हैं विचार
होसबले ने कहा कि हमने वामपंथ और दक्षिणपंथ तथा पूरब और पश्चिम की एक लड़ाई शुरू कर दी, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की भू राजनीतिक परिस्थतियों के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई. उन्होंने कहा कि आरएसएस में हमने अपने प्रशिक्षण शिविरों में भी कभी यह नहीं कहा कि हम दक्षिणपंथी (राइटिस्ट) हैं. आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा कि हमारे कई विचार ऐसे हैं जो करीब-करीब वामपंथ के विचार होते हैं और कुछ निश्चित रूप से तथाकथित दक्षिणपंथी विचार हैं. होसबाले ने कहा, लेकिन समय के साथ पूरब और पश्चिम के बीच संघर्ष की बात धूमिल हो गई है. आज दुनिया मानवतावाद पर आधारित सभी विचारों को अपना रही है. यही हिंदुत्‍व का सार तत्व है.

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लोग नए विचार-दर्शन की तलाश में
उन्होंने कहा कि पूरब पूरी तरह से पूरब नहीं है, पश्चिम पूरी तरह से पश्चिम नहीं है. इसी प्रकार से वामपंथ पूरी तरह से वामपंथ नहीं है और दक्षिणपंथ पूरी तरह से दक्षिणपंथ नहीं है. उन्होंने कहा, 'यह सैद्धांतिक रूप से पूरब और सैद्धांतिक रूप से पश्चिम हैं. अब तो पश्चिम के लोग भी एक नए विचार और नए दर्शन की तलाश में हैं जो मानवतावाद पर आधारित हैं.' आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद महत्वपूर्ण है. भारतीय जनता पार्टी ने भी एकात्म मानववाद के दर्शन को स्वीकार किया और उससे पहले जनसंघ ने भी इसे माना था.

HIGHLIGHTS

  • सभी क्षेत्रों और वर्गों के श्रेष्ठ विचारों का लाभ लेना चाहिए
  • समय के साथ पूरब-पश्चिम के बीच संघर्ष की बात धूमिल
  • आज दुनिया मानवतावाद पर आधारित विचारों को अपना रही
RSS Dattatreya Hosabale आरएसएस दक्षिणपंथी दत्तात्रेय होसबोले वामपंथी Left साम्यवाद Rightist Capitalist पूंजीवाद
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