देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमत पर चिंता जाहिर करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस पर गंभीरता से विचार करने की सलाह दी है। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने भोजन, कपड़ा और मकान को बुनियादी जरूरत बताते हुए इनकी कीमतों पर गंभीरता से विचार करने की सलाह दी है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद नंबर दो की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि आर्थिक अनुसंधान केंद्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे और आखिरी दिन शनिवार को समापन भाषण देते हुए कहा कि भोजन, कपड़ा और मकान लोगों की बुनियादी जरूरतें हैं और लोग यह चाहते हैं कि इनकी कीमतें सस्ती हो और उनके लिए वहनीय हो।
उन्होने इस पर गंभीरता से चिंतन करने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होने जोर देकर कहा कि बुनियादी जरूरतों की चीजें सस्ती होनी चाहिए लेकिन इसका भार किसानों पर नहीं डाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां इस संबंध में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए होसबले ने 75 सालों के दौरान देश में कृषि के विकास का श्रेय अब तक की सभी सरकारों, वैज्ञानिकों और देश के किसानों को देते हुए कहा कि आज भारत कृषि के मामले में आत्मनिर्भर और निर्यातक देश बन गया है। उन्होने गांवों से शहरों की ओर हो रहे पलायन को रोकने के लिए कृषि को आकर्षक बनाने के लिए एक आंदोलन की जरूरत पर भी बल दिया।
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Source : IANS