दिल्ली के जीबी रोड पर हजारो सेक्स वर्कर अपना जीवन यापन करते हैं. देश में कोरोनावायरस (Corona Virus) के हमले के बाद हुए संपूर्ण लॉक डाउन (Lock Down) की वजह से इन सेक्स वर्कर्स का जीवनयापन कठिन हो गया है. ये बताती हैं कि देश में लॉक डाउन (Lock Down) होने के बाद से अचानक इनके धंधे में रोटियों के लाले पड़ गए हैं. न तो सरकार इनको राहत सामग्री पहुंचाने के लिए पहुंच पा रही है और न ही कोई एनजीओ इनकी मदद के लिए आगे आया. ऐसे में आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने आगे आकर इन सेक्स वर्कर्स की मदद करने का फैसला किया है.
शुक्रवार को दिल्ली में आरएसएस कार्यकर्ताओं की टीम जीबी रोड पर सेक्स वर्कर्स को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए जा पहुंची. आरएसएस कार्यकर्ताओं ने सेक्स वर्कर्स के बीच पहु्ंचकर राशन और राहत सामग्री वितरित की दिल्ली संयुक्त महासचिव अनिल गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, हमने जीबी रोड के 986 सेक्स वर्कर्स की एक सूची तैयार की है और इन लोगों को हमने 250 जोड़ों में (एक साथ रहने वाले श्रमिकों के समूह) वर्गीकृत कर लिया है. इन लोगों के लिए हमने आज 250 राशन के किट वितरित किए हैं.
Delhi: RSS workers distribute ration among sex workers in GB Road. "We prepared a list of 986 sex workers living here & categorized them into 250 joints (groups of workers living together). Today, we distributed 250 kits," says Anil Gupta, Joint General Secretary, Delhi RSS. pic.twitter.com/09grZBCx1Q
— ANI (@ANI) April 3, 2020
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कोरोना वायरस के चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान ये सेक्स वर्कर बिना किसी संसाधन के अपना संघर्षमय जीवन बिता रही हैं. ऐसे समय में इनकी मदद के लिए सरकार से लेकर कोई भी एजेंसी नजर नहीं आ रही है. इन सेक्स वर्कर्स ने बताया कि जब चुनाव होते हैं तब तो नेता यहां पर वोट के लालच में आते नहीं है फिर ये तो महामारी है इस समय कौन हमारी मदद को आगे आएगा.
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हरियाणा की रहने वाली सीमा (परिवर्तित नाम) बताती हैं कि, कोरोना वायरस की वजह से देश में संपूर्ण लॉकडाउन से पहले ही कई सेक्स वर्कर अपने गांव चली गई. कोरोना की खबरों के चलते हमारे यहां ग्राहकों का आना भी कम हो गया ऐसे में हम पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं हमारे पास मौजूदा समय में न तो खाने को राशन है और न ही पैसे हैं. देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगने की वजह से लोगों ने अपने घरों से निकलना ही बंद कर दिया है जिसकी वजह से हमारा धंधा चौपट हो गया है. घरों में हमारे छोटे-छोटे बच्चे भी जिनके भोजन पानी की व्यवस्था भी हमें ही देखनी होती है.