जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti mohammad saeed) की बेटी रूबिया सईद (rubaiya sayeed) 1989 के अपहरण से संबंधित एक मामले में शुक्रवार को सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत में पेश हुईं और जेकेएलएफ (JKLF) प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) और तीन अन्य को उनके अपहरणकर्ताओं के रूप में पहचाना. यह पहली बार है जब रूबिया सईद (rubaiya sayeed) को मामले में पेश होने के लिए कहा गया है. पांच आतंकवादियों को रिहा करने के बाद रुबैया सईद को मुक्त कर दिया गया था. रुबैया सईद, जो तमिलनाडु में रहता है, सीबीआई द्वारा अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में सूचीबद्ध है, जिसने 1990 की शुरुआत में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.
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प्रतिबंधित जेकेएलएफ के प्रमुख यासिन मलिक इस मामले में आरोपी हैं. मलिक को हाल ही में एक आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. रुबैया सईद अपहरण मामले को एनआईए ने 2019 में फिर से इसे खोला था. यह वर्ष 1989 का साल था जब बीजेपी समर्थित वीपी सिंह सरकार ने 13 दिसंबर, 1989 को उसकी रिहाई के बदले में पांच आतंकवादियों को रिहा किया. उसके पिता गृह मंत्री थे. इस साल की शुरुआत में मलिक समेत 10 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे.
HIGHLIGHTS
- सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत में पेश हुईं रूबिया सईद
- यासीन मलिक और तीन अन्य को अपहरणकर्ताओं के रूप में पहचाना
- पांच आतंकवादियों को रिहा करने के बाद रूबिया सईद को मुक्त कर दिया गया था