चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने 5 राज्यों में विधान सभा (assembly elections 2018) चुनाव (elections 2018) के लिए अधिसूचना (notification) जारी कर दी है. चुनाव आयोग (ECI) की अधिसूचना जारी होते ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गया है. इसका उल्लघंन न तो उम्मीदवार (candidate) न और न ही सरकारी कमर्चारी (Government employee) कर सकते हैं. जिन राज्यों में चुनाव (assembly elections) हो रहे हैं उनमें मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), राजस्थान (Rajasthan), मिजोरम (Mizoram) और तेलंगाना (Telangana) शामिल हैं. हालांकि चुनाव आयोग (ECI) इन राज्यों में अपने पर्यवेक्षक (Observer) नियुक्त करता है, लेकिन चुनाव (Election 2018) इतने ज्यादा बड़े इलाकों में होते हैं जहां चुनाव आयोग (ECI) चाह कर भी पूरी तरह से नजर नहीं रख पाता है. ऐसे में अगर किसी को लगता है कि चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) का उल्लंघन हो रहा है तो वह सीधे चुनाव आयोग से शिकायत कर सकता है. इसके लिए चुनाव आयोग (ECI) का एक एप आपकी मदद कर सकता है. इसका नाम C-VIGIL APP एप है.
C-VIGIL APP एप
चुनाव आयोग (Election Commission) ने C-VIGIL APP नाम का एक ऐप तैयार किया है. चुनाव आयोग चुनावों में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) का उल्लंघन रोकने तथा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव (Free and fair Elections) कराने के लिए कई प्रौद्योगिकी एप्लीकेशंस का सहारा लेता है. चुनाव आयोग (ECI) ने आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सूचित करने के लिए लोगों के एंड्रॉएड फोन में 'सी-विजिल' एप विकसित किया है. इस एप के माध्यम से आम आदमी भी चुनाव आयोग में अपनी शिकायत (complaint) दर्ज करा सकता है. इस चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत सरकारी कर्मचारी (Government employee) भी आते हैं।
क्या होता है चुनाव आचार संहिता का मतलब
चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) का मतलब है चुनाव आयोग (ECI) के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार (candidate) को करना होता है. अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार (candidate) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.
लोग रख सकते हैं नजर
चुनाव की घोषणा (election announced) होते ही आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाती है, लेकिन कई उम्मीदवार (candidate) तो कई बार सरकारी अधिकारी (Government employee) इसका उल्लंघन (violating rules) करते देखे जाते हैं. कई बार यह अजनाने में होता है, लेकिन कई बार यह काम इरादतन किया जाता है. अगर लोगों को लगता है कि प्रत्याशियों या सरकारी कर्मचारियों ने जानबूझ कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है तो अब इस बात की शिकायत (complaint) चुनाव आयोग (ECI) से करना काफी आसान हो गया है.
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ये है चुनाव आचार संहिता (ELECTION Model Code of Conduct)
सामान्य नियम (General rules)
1- कोई भी दल (Poltical party) ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले.
2- राजनीतिक दलों (Poltical party) की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत.
3- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच (election campaign) के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.
4- मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण (corrupt behaviors for votes) का उपयोग न करें. जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि.
5- किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें. किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें.
6- राजनीतिक दल (Political parties) ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों.
राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम (Rules related to political meetings)
1- सभा स्थल (meeting place) में लाउडस्पीकर के उपयोग (permission for loudspeaker) की अनुमति पहले प्राप्त करें.
2- सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें.
3- सभा के स्थान (meeting place) व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए.
जुलूस संबंधी नियम (Processional rules)
1- जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें.
2- जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात (traffic) प्रभावित न हो.
3- राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें.
4- जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए.
5- जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके.
मतदान के दिन संबंधी नियम (Rules regarding voting day)
1- मतदान केन्द्र (polling stations) के पास लगाए जाने वाले कैम्पों (Camps) में भीड़ न लगाएं. कैंप साधारण होने चाहिए.
2- मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करना बेहद जरूरी है. अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दे.
3- मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो.
4- मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए.
ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री-मंत्री
1- शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर)
2- विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति
3- परियोजना या योजना की आधारशिला
4- सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन
अधिकारियों के लिए नियम (Rules for CM and minister)
1- शासकीय सेवक (Government servants) किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे.
2- मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे.
3- चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे.
4- जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे.
5- राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे.
सत्ताधारी दल के लिए नियम (Rules for ruling party)
1- कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें.
2- मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें.
3- इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों (Government servants) का इस्तेमाल न करें.
4- सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो. हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं.
5- विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो. इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा.
6- सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे.
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लाउडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध (Restriction on the use of loudspeakers)
चुनाव की घोषणा हो जाने से परिणामों की घोषणा तक सभाओं और वाहनों में लगने वाले लाउडस्पीकर (loudspeakers) के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं. इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में सुबह 6 से रात 11 बजे तक और शहरी क्षेत्र में सुबह 6 से रात 10 बजे तक इनके उपयोग की अनुमति होगी. प्रतिबंधित समय में इनके उपयोग को गलत माना जाएगा और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
Source : Vinay Kumar Mishra