आतंकवाद फैक्ट्री को पनाह और बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान हर तरफ से घिरे जा रहा है. भारत ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर कई बार सख्त संदेश दे चुका है. भारत ने पाकिस्तान को हर मंच पर आतंकवाद के मामले में घेरा है. वैश्विक मंच से लेकर इस्लामिक मंच तक पाकिस्तान अब अकेले पड़ गया है. इससे पहले अमेरिका ने भी पाकिस्तान को दो टूक कहा है. अमेरिका ने कड़े तेवर में कहते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाना ही होगा. वहीं रविवार से शुरू FATF की बैठक में आतंकवाद को लेकर गड़बड़ी मिलने पर पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट हो जाएगा. इसके बाद उसे IMF और World Bank से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी.
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अब पाकिस्तान की जो कसर बची वो रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पूरी कर दी है. इस बार हुआ ये कि पाकिस्तान अपना घर तो खुद संभाल नहीं पा रहै हैं, चले दूसरों के मामले में मध्यस्थता करने. ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते में सुधार को लेकर इमरान खान बीच में कूद पड़ गए. लेकिन कुछ ही घंटों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इमरान की कवायद पर पर पानी फेर दिया. ब्लादिमीर पुतिन सोमवार को सऊदी अरब पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान से उनकी बहुत अच्छी दोस्ती है. वह ईरान और सऊदी अरब के संबंधों में सुधार के लिए प्रयास करने को तैयार हैं. ईरान से भी रूस के बहुत अच्छे रिश्ते हैं. सऊदी अरब और अमेरिका ने हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था. लाल सागर में शुक्रवार को ईरानी तेल टैंकर पर हुए हमले में सऊदी अरब ने हाथ होने से इन्कार किया है.
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वहीं इमरान खान ने कहा कि हम नहीं चाहते कि ईरान और सऊदी अरब के बीच किसी तरह का टकराव हो. यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच बने तनाव के वातावरण को खत्म करना है. वे रविवार के ईरान पहुंचे थे. इमरान ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी ईरान के साथ वार्ता शुरू करने की आवश्यकता बताई थी. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के सऊदी अरब से मजबूत रिश्ते हैं. शिया बहुल ईरान पाकिस्तान का पड़ोसी देश है.