रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच बुधवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत ( International Court of Justice) ने अपना फैसला सुनाया. अपने फैसले में ICJ ने रूस को यूक्रेन पर तत्काल हमला बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने रूस समर्थित देशों को भी इस युद्ध में दूरी बनाए रखने के लिए कहा है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय अदालत ( ICJ) ने कहा कि यह फैसला सभी पक्षों के लिए बाध्य माना जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने रूस के सामने यूक्रेन के सैनिकों की ओर से हथियार नहीं डालने की जमकर तारीफ की. अपना फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन के लोग, सैनिक और राष्ट्रपति जेलेंस्की का लगातार डटे रहना तारीफ के लायक है. इसके साथ ही अदालत ने रूस समर्थित देशों को किसी भी तरह का सैन्य समर्थन रूस को नहीं देने की अपील की. कोर्ट ने यह फैसला 13-2 की बहुमत से सुनाया है. ICJ में भारतीय प्रतिनिधि SC के रिटायर्ड जज दलवीर भंडारी भी रूस की कार्रवाई को रोकने के आदेश देने के पक्ष में थे. हालांकि ICJ में रूस और चीन के प्रतिनिधि जज इस फैसले के खिलाफ अपना मत दिया. ICJ ने रूस की ओर से इस सुनवाई में दलील न रखने को भी दुर्भाग्यपूर्ण माना है.
ICJ के आदेश के अहम बिंदु
- ICJ को यूक्रेन की अपील पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार हासिल है
- रूस की ओर से चल रहे विशेष मिलट्री ऑपरेशन के चलते बड़ी संख्या में यूक्रेन में नागरिकों की मौत और संपत्ति का नुकसान हुआ है। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जाने को मजबूर हुए हैं.
- यूक्रेन के इलाके में नरसंहार की दुहाई देकर की गई रूस की सैन्य कार्रवाई ठीक नहीं है, इसके विरोध में यूक्रेन की दलीलों में दम है.
- रूस को तुरंत अपने मिलिट्री ऑपरेशन को निलंबित कर देना चाहिए.
- दोनों पक्षों को उन बातों से बचना चाहिए, जो विवाद को बढ़ावा दे.
आईसीजे के फैसले से पर जेलेंस्की ने जाहिर की खुशी
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ICJ के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में रूस के खिलाफ अपने मामले में जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि ICJ ने हमले को तुरंत रोकने का जो आदेश दिया है. यह अंतरराष्ट्रीय कानून (International Law) के तहत बाध्यकारी है. लिहाजा, रूस को इस फैसले का तुरंत अनुपालन करना चाहिए. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने से रूस और भी अलग-थलग पड़ जाएगा.
रूस ने किया था सुनवाई का बहिष्कार
गौरतलब है कि इससे पहले 7 मार्च को हुई ICJ की सुनवाई का रूस ने बहिष्कार किया था. दरअसल, रूसी हमले में अपने देश को बर्बाद होता देख यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से अपील की थी वह रूस को सैन्य अभियान बंद करने का आदेश दे. यूक्रेन का तर्क था कि रूस का आक्रमण संयुक्त राष्ट्र नरसंहार संधि की अवहेलना के दायरे में आता है. आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग 21 दिनों से जारी है. यूक्रेन और रूस के बीच यह जंग 24 फरवरी को शुरू हुआ था. युद्ध समाप्त करने को लेकर दोनों देशों के बीच अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इसका अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है. इस जंग में अब तक सैकड़ों आम नागरिक और हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं, जबकि लाखों लोग बेघर होकर अपना देश छोड़कर शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हो गए हैं.
HIGHLIGHTS
- कोर्ट ने फैसले को दोनों पक्षों के लिए बताया बाध्यकारी
- कोर्ट के फैसले पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जताई खुशी
- 21 दिन से दोनों देशों के बीच जारी है खतरनाक जंग
Source : News Nation Bureau