विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (V. Muraleedharan) ने बुधवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में सूचना हासिल करने के लिए 2014 के बाद से भारत ने रूस से कई बार कई बार आग्रह किया, लेकिन मॉस्को की तरफ से यह बताया गया कि बोस से संबंधित दस्तावेज उसे रूसी अभिलेखागार में नहीं मिले.
यह भी पढ़ेंः कर्नाटक में सत्ता के दुरुपयोग और खरीद फरोख्त का BJP का खुला खेल सभी ने देखा: सीताराम येचुरी
लोकसभा में प्रश्न के लिखित उत्तर में मुरलीधरन ने कहा कि भारत ने सूचना मांगी थी कि क्या अगस्त, 1945 से पहले या बाद में किसी समय नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) रूस में मौजूद थे तथा अगस्त, 1945 में या इसके बाद वह रूस से बाहर निकल गए थे, जैसा कुछ शोधकर्ताओं द्वारा कहा गया था.
यह भी पढ़ेंः MP : गोपाल भार्गव बोले- हमारे नंबर-1 और नंबर-2 आदेश दें तो सरकार 24 घंटे से ज्यादा नहीं चलेगी
उन्होंने कहा कि अपने जवाब में रूस ने यही कहा कि उनको इस बारे में कोई दस्तावेज हासिल नहीं हुआ है. ऐसा माना जाता है कि आजाद हिंद फौज के संस्थापक बोस की 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में हुई विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी.