देश में सिंगल डोज 'स्पुतनिक लाइट' (Sputnik Light) वैक्सीन जल्द उपलब्ध हो सकती है. इस वैक्सीन की सिर्फ एक डोज काफी होगी. रूस में भारत के राजदूत ने ये जानकारी दी है. भारतीय राजदूत ने कहा कि रूसी पक्ष ने स्पुतनिक लाइट का भी प्रस्ताव रखा है. भारत में इसके लिए नियामकीय मंजूरी अभी पूरी नहीं हुई है. लेकिन स्पुतनिक लाइट को एक बार उन नियामक अनुमोदनों को दिए जाने के बाद भारत और रूस के बीच सहयोग के एक और क्षेत्र का विकास होगा. इससे पहले भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने भी यही बात कही थी.
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निकोले कुदाशेव ने एक वीडियो मैसेज देते हुए कहा था कि रूस द्वारा विकसित की गई स्पुतनिक वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, इसके बारे में पूरी दुनिया जानती है और रूस के अंदर भी स्पुतनिक वैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. रूसी राजदूत ने कहा था कि 'हम उम्मीद करते हैं कि रूसी वैक्सीन का उत्पादन एक साल में करीब 850 मिलियन यानि करीब 85 करोड़ होगा.'
रूस में भारत के राजदूत ने एस 400 मिसाइट सिस्टम की डील के विषय में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस साल की आखिरी तिमाही में, अनुबंध लागू होना शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे पास रूस में एक टीम है जो सिस्टम का संचालन करने वाले क्रू के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा है, वे पहले से ही प्रशिक्षण के लिए रूस में हैं. बता दें कि भारत को हवा में ही दुश्मनों को मार गिराने वाला रूस का विध्वंसक एस-400 (S-400) मिसाइल सिस्टम अक्टूबर-दिसंबर तक भारत को मिल जाएगा.
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एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की रूस की सबसे उन्नत मिसाइल (Missile) रक्षा प्रणाली है. ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी से शत्रु विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट कर सकती है. रूस के सरकारी हथियार निर्यातक रोसोबोरोनएक्पोर्ट के सीईओ अलेक्जेंडर मिखेयेव ने कहा कि हर चीज तय समय के अनुसार चल रही है. उनके मुताबिक एस-400 की पहली खेप इसी साल के अंत तक हर हाल में भारत को दे दी जाएगी.
HIGHLIGHTS
- भारतीय विशेषज्ञ रूस में ले रहे है प्रशिक्षण
- रूस ने स्पुतनिक लाइट का भी प्रस्ताव भेजा है
- नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद भारत आएगी सिंगल डोज वैक्सीन