भारत और चीन (India China) के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर काफी तनाव बढ़ा हुआ है. सरहद पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं. हालांकि भारी गतिरोध के बीच रूस ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे. इसके अलावा रूस (Russia) ने भारत और चीन की रजामंदी के बिना मध्यस्थता कराने की बात से भी इनकार कर दिया है.
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भारत में रूसी दूतावास के उप प्रमुख रोमन बबुश्किन ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार बातचीत के जरिये पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होते देखना चाहती है. बबुश्किन ने पत्रकारों के साथ ऑनलाइन बातचीत में कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत और चीन बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे.' उन्होंने यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ताजा झड़प के बाद बढ़े तनाव के एक दिन बाद की है.
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बबुश्किन ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में रूस द्वारा मध्यस्थ की भूमिका निभाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि जब तक दोनों देश नहीं चाहते तब तक ऐसा नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, 'हम दोनों देशों के बीच विवादों के समाधान की प्रक्रिया में शामिल नहीं है. हम इसके लिये सकारात्मक माहौल बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं.'
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उल्लेखनीय है कि रूस का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 देशों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए 8 दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे हैं. ऐसी संभावना है कि यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर की आज बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात हो सकती है.