वियना में ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत की स्थिति हमेशा से स्पष्ट रही है. दोनों देशों को बातचीत और कूटनीतिक रास्ते पर लौटना होगा. जयशंकर ने कहा कि संघर्ष के समय यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय छात्र पढ़ रहे थे और संघर्ष के शुरुआती हफ्तों में विदेश मंत्रालय का ध्यान उन्हें युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने का था.
बातचीत और चर्चा की पुरजोर वकालत करता है भारत
विदेश मंत्री ने कहा, "मैंने अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट रूप से रखी है, जो यह है कि बातचीत और कूटनीति की वापसी होनी चाहिए. फरवरी में संघर्ष शुरू होने के बाद से, स्पष्ट रूप से समय बीतने के साथ तत्काल दबाव और चिंताएं बदली हैं. जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, शुरूआत में हमारे लिए बहुत बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों की समस्या थी. इसमें से यूक्रेन में हमारे पास 20 हजार से अधिक छात्र फंसे थे. उन्हें संघर्ष क्षेत्र से कैसे बाहर निकालना है, ये बड़ा मुद्दा था. विदेश मंत्री ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के साथ पीएम मोदी की हालिया बातचीत को याद करते हुए कहा कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत और चर्चा की पुरजोर वकालत करता है.
विदेश मंत्री ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया बातचीत को याद करते हुए कहा कि भारत रूस-यूक्रेन को समाप्त करने के लिए बातचीत और चर्चा की पुरजोर वकालत करता है. जयशंकर ने कहा, "यह उनकी पहली बातचीत नहीं है. वे समय-समय पर बात करते रहे हैं." एक और बयान में, जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति ने विशिष्ट समस्याओं को जन्म दिया है. उन्हें भी प्राथमिकता से मिटाने की आवश्यकता है.
HIGHLIGHTS
- युद्ध को लेकर फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की
- जयशंकर ने बातचीत और चर्चा की पुरजोर वकालत की
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया बातचीत को याद दिलाया